पहलगाम आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा भारत, प्रियजनों को गंवाने वाले परिवार शोक में डूबे
पहलगाम आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा भारत, प्रियजनों को गंवाने वाले परिवार शोक में डूबे
श्रीनगर/नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) कश्मीर में पहलगाम के निकट एक पर्यटक स्थल पर आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की गोली मारकर बेरहमी से हत्या किये जाने के एक दिन बाद सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार को तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों के स्केच जारी किए। इस बीच, केंद्र ने स्थिति का जायजा लिया, जबकि शोकाकुल परिवारों ने अपने उन प्रियजनों को अंतिम विदाई दी, जिन्हें उन्होंने आतंकी हमले में खो दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सऊदी अरब की अपनी यात्रा बीच में ही समाप्त करके स्वदेश लौट आये। प्रधानमंत्री ने सुबह ही एयरपोर्ट पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। उन्होंने भारत के जवाब के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की शाम को अध्यक्षता की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले में शामिल लोगों को ‘‘निकट भविष्य’’ में मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और भारत ऐसी किसी भी आतंकवादी गतिविधि से ‘‘भयभीत’’ नहीं हो सकता।
पुलवामा हमले और 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के बाद हुए सबसे घातक आतंकवादी हमले के परिप्रेक्ष्य में सरकार का संकल्प दर्शाते हुए उन्होंने कहा, ‘हम न केवल उन लोगों का पता लगाएंगे जिन्होंने हमले को अंजाम दिया, बल्कि उन लोगों का भी पता लगाएंगे जिन्होंने हमारी धरती पर इस नापाक कृत्य को अंजाम देने की साजिश रची।’
सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों, रक्षा सचिव और सैन्य अभियान महानिदेशक के साथ जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की।
बताया जा रहा है कि सिंह ने सशस्त्र बलों को अपनी युद्ध तत्परता बढ़ाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने का निर्देश दिया है।
यह मौन, आक्रोशपूर्ण चर्चाओं का दिन था, क्योंकि पहलगाम से छह किलोमीटर दूर बैसरन पर्यटक स्थल पर छुट्टियां मनाने आए लोगों को निशाना बनाकर किए गए इस क्रूर आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति पूरा देश शोक मना रहा था।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत अन्य मंत्रियों ने भी कड़े बयान जारी किए। शाह ने बैसरन का दौरा किया, अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता की। इससे भी सरकार की मंशा का संकेत मिला।
शाह ने कहा, ‘‘भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस नृशंस आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’’ शाह ने कहा कि पहलगाम में हुई बर्बरता के पीछे जो लोग हैं, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
सुरक्षा एजेंसियों ने इस आतंकी हमले में शामिल संदिग्ध पांच लोगों में से तीन के स्केच जारी किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि वे सभी पाकिस्तानी हैं और उनकी पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के रूप में की गई है। उनके कोड नाम मूसा, यूनुस और आसिफ हैं और वे पुंछ में आतंकवादी घटनाओं में शामिल रहे हैं।
इस आतंकवादी हमले में बचे लोगों की मदद से तैयार किए गए पेंसिल स्केच काले और सफेद रंग में हैं। रेखाचित्रों से ऐसा लगता है कि ये आतंकी युवा हैं और उनकी दाढ़ी है।
पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकी समूह के एक छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने मंगलवार अपराह्न हुए हमले की जिम्मेदारी ली।
अधिकारियों ने बताया कि यह हमला पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर द्वारा इस्लामाबाद में की गई घोषणा के बमुश्किल एक सप्ताह बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे तथाकथित कश्मीर मुद्दे को अपना समर्थन देना जारी रखेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में 18 अप्रैल को लश्कर के सदस्यों ने रावलकोट में भारत विरोधी भड़काऊ नारे लगाए थे।
शीर्ष सरकारी अधिकारी जहां आगे की रणनीति बनाने के लिए दिल्ली और श्रीनगर में बैठक कर रहे थे, आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के परिवार और मित्र शोक में डूबे थे। इस आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों में अधिकतर पर्यटक थे, जो छुट्टियां मनाने पहलगाम गए थे।
भारतीय नौसेना के अधिकारी विनय नरवाल (26) की पत्नी हिमांशी ने तिरंगे में लिपटे अपने पति के ताबूत को गले लगाकर अंतिम विदाई दी। दिल्ली हवाई अड्डे पर अंतिम विदाई समारोह में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति की आंखों में आंसू थे।
विनय और हिमांशी का विवाह 16 अप्रैल को हुआ था और दोनों ‘हनीमून’ के लिए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम गये थे। नौसेना अधिकारी विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी की अपने पति का ताबूत दिल्ली हवाई अड्डे पर देखकर फूट-फूटकर रोने की तस्वीरों ने सभी को भावुक कर दिया।
करनाल में नरवाल परिवार की पड़ोसी सीमा ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘वे (विनय और हिमांशी) स्विट्जरलैंड में हनीमून की योजना बना रहे थे, लेकिन छुट्टियों को देखते हुए कश्मीर जाने का फैसला किया…हम कल्पना नहीं कर सकते कि उनके परिवार पर क्या बीत रही होगी।’’
विनय नरवाल का शव ताबूत में रखकर करनाल लाया गया और इस दौरान मौजूद लोगों ने नारे लगाये।
कानपुर की एक और दुल्हन ने अपने पति की निर्मम हत्या होते देखा। कानपुर के 31-वर्षीय व्यवसायी शुभम द्विवेदी का विवाह फरवरी में ही हुआ था।
द्विवेदी के परिवार ने बताया कि वह (शुभम) अपनी पत्नी और परिवार के साथ एक हफ़्ते की छुट्टी पर गए थे। नवविवाहित जोड़े ने मंगलवार अपराह्न में घुड़सवारी करने का फैसला किया, उसी दौरान उनका सामना आतंकवादियों से हुआ। परिवार ने बताया कि आतंकवादियों ने शुभम से एक इस्लामी आयत पढ़ने के लिए कहा। परिवार ने बताया कि जब वह ऐसा नहीं कर पाए, तो उन्होंने उनके सिर में गोली मार दी।
केरल के एडपल्ली निवासी रामचंद्रन का पर्यटन के प्रति प्रेम मंगलवार को तब दुख में बदल गया जब कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। वह आतंकवादी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों में शामिल हैं। रामचंद्रन पर हमला उनकी बेटी के सामने हुआ, जो अपने माता-पिता से मिलने दुबई से आई थी।
रामचंद्रन (65) अपनी पत्नी, बेटी और नाती-नातिनों के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर गए थे।
पारिवारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि उनकी बेटी के सामने ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
लोग पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करने और अपने गुस्से का इजहार करने के लिए शहरों तथा गांवों में सड़कों पर उतर आए।
श्रीनगर शहर और कश्मीर के अन्य हिस्सों में बंद का माहौल रहा, जो हाल के दिनों में पहली बार हुआ है। अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने से पहले यह आम बात थी, लेकिन करीब छह साल में कश्मीर में यह पहला बंद है।
श्रीनगर शहर के निवासी हाजी बशीर अहमद डार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ऐसा नहीं होना चाहिए — न कश्मीर के नाम पर और न ही इस्लाम के नाम पर। इस्लामी शिक्षाओं में मानव जीवन को इतना महत्व दिया गया है कि एक निर्दोष व्यक्ति की जान लेना पूरी मानवता की हत्या करने के समान है।’’
कुलगाम में एक विरोध प्रदर्शन में शामिल फल उत्पादक जी एम बांडे ने कहा कि सरकार को आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि पहलगाम में बैसरन हमले जैसी घटनाएं दोबारा न हों।
उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर के लोग हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ रहे हैं। हालांकि, कश्मीरी समुदाय को बदनाम करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की साजिशें रची जा रही हैं। ऐसी हरकतों से स्थानीय युवाओं की आजीविका प्रभावित होती है।’’
पर्यटन अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है और यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इसका सीजन जोर पकड़ रहा है।
रद्द की गई बुकिंग और कश्मीर छोड़ने की होड़ ने आने वाले महीनों में अनिश्चितता का संकेत दिया।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर में विरोध मार्च के दौरान देश के लोगों से माफी मांगी और कहा कि कश्मीरी इस घटना से शर्मिंदा हैं। उधर सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी हमले के विरोध में लाल चौक शहर के केंद्र तक मार्च किया।
जम्मू में, रामबन जिले के निवासियों ने पूरी तरह बंद रखा और आतंकी हमले की निंदा करने के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। यह हिंदुओं और मुसलमानों का संयुक्त विरोध था।
बौली बाजार की जामिया मस्जिद के इमाम गुल मोहम्मद फारूकी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम पहले से ही प्रकृति के प्रकोप से जूझ रहे हैं तथा अब इस मूर्खतापूर्ण हमले ने हमारे घाव को और गहरा कर दिया है। हम इस कृत्य की निंदा करते हैं जो इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है।’’
कश्मीर के कई प्रमुख अखबारों ने काले रंग के फ्रंट पेज छापे, जिसकी हेडलाइन लाल या सफेद रंग में थी। इन समाचार पत्रों में ग्रेटर कश्मीर, राइजिंग कश्मीर, कश्मीर उज्मा, आफताब और तैमील इरशाद जैसे प्रमुख अंग्रेजी और उर्दू दैनिक शामिल थे।
भाषा अमित सुरेश
सुरेश

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