भारत अगले 30 वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति का केंद्र बनेगा : अमेरिकी राजदूत

भारत अगले 30 वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति का केंद्र बनेगा : अमेरिकी राजदूत

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  • Publish Date - December 16, 2024 / 08:41 PM IST,
    Updated On - December 16, 2024 / 08:41 PM IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने सोमवार को कहा कि जिस तरह तेज तूफान और जोरदार हवा के बावजूद ताड़ के पेड़ तने रहते हैं ठीक उसी तरह भारत-अमेरिका संबंध फलते-फूलते रहेंगे और दुनिया को लाभान्वित करते रहेंगे।

राजदूत ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भारत के ‘साहसिक लक्ष्यों’ की सराहना की और कहा कि अगले 30 वर्ष में भारत इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर निर्यात के केंद्र के रूप में उभरेगा।

उन्होंने कहा, “भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य और नीतियां इसे न केवल इस देश के लिए, बल्कि दुनिया के लिए लागत पर निर्माण करने में सक्षम बनाने के लिए सौर व पवन क्षमता में अग्रणी बना रही हैं।”

गार्सेटी ने कहा, “मेरे शब्दों पर ध्यान दें, भारत अगले 30 वर्ष में नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति का केंद्र बनेगा।”

निवर्तमान राजदूत अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित दक्षिण एशिया महिला ऊर्जा नेतृत्व शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

राजदूत ने केरल के एक होटल का किस्सा सुनाया, जिसमें उनसे उनके प्रवास के अंत में एक नारियल का पेड़ लगाने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा, “मैंने पूछा कि इस पेड़ से नारियल आने में कितना समय लगेगा और उन्होंने बताया इसमें लगभग आठ वर्ष लगेंगे।”

उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों के संदर्भ में कहा, “हम हर दिन नारियल का पेड़ लगाएं, हम हर दिन चीजों को थोड़ा बेहतर बनाने का तरीका खोजें।”

गार्सेटी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि अमेरिका-भारत संबंध उस पौधे की तरह है, जो निरन्तर बढ़ता रहेगा। यह ताड़ के पेड़ की तरह लचीला रहेगा, जिसे सबसे शक्तिशाली तूफान भी नहीं गिरा सकता और सबसे जोरदार हवा भी उसे उखाड़ नहीं सकती।”

भाषा जितेंद्र दिलीप

दिलीप