भारत, अन्य देशों को 2050 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करना चाहिए :मोंटेक

भारत, अन्य देशों को 2050 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करना चाहिए :मोंटेक

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  • Publish Date - October 29, 2021 / 06:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:59 PM IST

नयी दिल्ली,29 अक्टूबर (भाषा) अर्थशास्त्री मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने शुक्रवार को कहा कि भारत और ग्रीनहाउस गैसों के बड़े उत्सर्जक देशों को 2050 तक ‘नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन’ लक्ष्य हासिल करना चाहिए।

आर्थिक थिंक टैंक आईसीआरआईईआर द्वारा आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अहलूवालिया ने कहा कि प्रत्येक देश को विकास लक्ष्यों के अनुरूप कार्बन उत्सर्जन में कटौती पर आगे बढ़ना होगा।

अहलूवालिया, नीति आयोग की पूर्ववर्ती संस्था योजना आयोग के उपाध्यक्ष रह चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और अन्य सभी बड़े देशों को 2050 तक साथ मिल कर नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचना चाहिए।’’

नेट जीरो उत्सर्जन का यह अर्थ है कि विश्व वायुमंडल में नया उत्सर्जन नहीं जोड़ रहा है।

अहलूवालिया ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी विकास ने नेट जीरो लक्ष्य को हासिल करना अब भारत के लिए यह संभव कर दिया है।

जिंदल ग्लोबल बिजनेस स्कूल के रिसर्च प्रोफेसर अजय शाह ने कार्यक्रम में कहा , ‘‘जलवायु कार्रवाई का वित्त पोषण करने के लिए हमें एक विकेंद्रीकृत मॉडल की जरूरत है जहां संसाधनों का प्रवाह केंद्र सरकार के बजाय राज्य और स्थानीय शासन तक हो।’’

नयी दिल्ली स्थित ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान टेरी के सलाहकार बोर्ड में शामिल मंजीव सिंह पुरी ने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में विश्व की सबसे बड़ी जलवायु कार्रवाई करेगा।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश