भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए क्रांतिकारी बदलाव की आवश्यकता है: इसरो प्रमुख

भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए क्रांतिकारी बदलाव की आवश्यकता है: इसरो प्रमुख

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  • Publish Date - October 26, 2024 / 04:37 PM IST,
    Updated On - October 26, 2024 / 04:37 PM IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथन ने कहा है कि भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए क्रांतिकारी बदलाव से गुजरना होगा। उन्होंने आर्थिक विकास को गति देने के लिए प्रौद्योगिकीय उन्नति और उत्पाद विकास के महत्व पर बल दिया।

उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में अभिनव कार्य करने के लिए अरबपति कारोबारी एलन मस्क की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मस्क की उपलब्धियों ने इसरो समेत वैश्विक प्रयासों को प्रेरित किया है।

सोमनाथन ने शनिवार को दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) के 13वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा, ‘‘यदि भारत तीसरी, दूसरी या पहली सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है, तो क्रांतिकारी बदलाव की जरूरत है। विकास केवल व्यापार और संसाधनों से नहीं होगा। हमें प्रौद्योगिकी में मूल्य सृजित करने की आवश्यकता है जो उत्पाद विकास को ताकत प्रदान करे।’’

मस्क के बारे में इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘एलन मस्क अपने रॉकेट से सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। यूरोप से लेकर रूस और चीन तक हर कोई देख रहा है कि वह क्या कर रहे हैं। वह एक महान व्यक्ति हैं और शानदार काम कर रहे हैं और हम सभी उनकी उपलब्धियों से प्रेरित हैं।’’

इसरो प्रमुख ने अंतरिक्ष में भारत की हालिया प्रगति पर भी प्रकाश डाला, जिसमें देश के सफल चंद्र अभियानों का उल्लेख किया गया। उन्होंने हालांकि बताया कि गति बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास और नवाचार आवश्यक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम एक ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं जहां हम पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था हैं, लेकिन आगे बढ़ने के लिए हमें अपनी प्रौद्योगिकी का निर्माण और सुधार करना होगा। हमें प्रणोदन और भौतिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।’’

सोमनाथन ने कहा, ‘‘सरकार ने अंतरिक्ष में निजी निवेश और भागीदारी के महत्व को पहचाना है। इससे विकास की गति में तेजी आएगी, लागत कम होगी और हमारी वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।’’

उन्होंने युवा इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को नवाचार करने और ऐसी प्रौद्योगिकियां बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जो देश को आगे बढ़ा सकें।

इस कार्यक्रम को दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने भी संबोधित किया, जो आईआईआईटी दिल्ली के कुलाधिपति भी हैं।

भाषा

देवेंद्र सुभाष

सुभाष