नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डिजिटल और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्रों में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का शुक्रवार को उल्लेख किया और कहा कि भारत डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक ताकत के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है
उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि सरकार ने डिजिटल प्रौद्यागिकी को सामाजिक न्याय और समानता के एक औजार के तौर पर इस्तेमाल किया है।
मुर्मू ने कहा, ‘‘एआई के क्षेत्र में भारत के योगदान को आगे बढ़ाते हुए “इंडिया एआई मिशन” प्रारम्भ किया गया है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन से भारत, इस प्रमुख प्रौद्योगिकी टेक्नॉलाजी में दुनिया के अग्रणी देशों की पंक्ति में स्थान बना सकेगा।’’
उन्होंने कहा कि ‘क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल इंडेक्स 2025’ में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है यानी ‘फ्यूचर ऑफ वर्क’ श्रेणी में एआई और डिजिटल तकनीक अपनाने में भारत दुनिया को रास्ता दिखा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सरकार ने 10 वर्षों में प्रगति के जो नए अध्याय लिखे हैं, उनमें से एक स्वर्णिम सोपान भारत की डिजिटल क्रांति का भी है। आज भारत डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक ताकत के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। दुनिया के बड़े देशों के साथ ही भारत में 5जी सर्विसेस की शुरुआत इसका एक बड़ा उदाहरण है।’’
उनके अनुसार, भारत की ‘यूपीआई प्रौद्योगिकी’ की सफलता से दुनिया के कई विकसित देश भी प्रभावित हैं।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सरकार ने डिजिटल प्रौद्यागिकी को सामाजिक न्याय और समानता के एक औजार के तौर पर इस्तेमाल किया है। डिजिटल पेमेंट कुछ लोगों या कुछ वर्गों तक सीमित नहीं है। भारत में छोटे से छोटा दुकानदार भी इस सुविधा का लाभ उठा रहा है।’’
उनका कहना था कि सरकार ने लोगों के जीवन पर सरकार का प्रभाव कम करने के लिए ई-गवर्नेंस को महत्व दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि तेज़ी से डिजिटल होते हमारे समाज में आज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण विषय साइबर सुरक्षा है।
मुर्मू ने कहा, ‘‘डिजिटल जालसाजी, साइबर अपराध और ‘डीप फेक’ जैसी प्रौद्यागिकी सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती भी बनी है। इन साइबर अपराध को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए गए है। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी युवाओं के लिए रोज़गार की संभावनाएं हैं।’’
मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘सरकार साइबर सिक्योरिटी में दक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर कार्यरत है। इसके फलस्वरूप भारत ने ग्लोबल साइबर सुरक्षा सूचकांक में ‘टियर-1’ का दर्जा प्राप्त कर लिया है।’’
भाषा हक हक माधव
माधव