पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भारत से बातचीत कर सभी विवादित मुद्दों पर हल निकलने की पेशकश की थी। उन्होंने यहाँ तक कह दिया था की अब पाकिस्तान किसी तरह का युद्ध नहीं चाहता क्योंकि उसे सबक मिल चुका हैं। हालांकि भारत की ओर से पाकिस्तान के इस नरम रवैय्ये पर किसी तरह की आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी। वही अब भारत ने पाकिस्तान को आमंत्रण भेजा हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के इस्लामाबाद में मौजूद भारतीय उच्चायोग के तरफ से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भारत आने का न्यौता दिया हैं।
Read more : गौरव दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे सीएम शिवराज, कई विकास कार्यों का करेंगे शिलान्यास-लोकार्पण
दरअसल यह आमंत्रण शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में शामिल होने को लेकर भेजा गया हैं। यह बैठक मई महीने के पहले हफ्ते में गोवा में आयोजित होगी जिसके लिए पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को भारत आने की पेशकश की गई हैं। पर यह साफ़ नहीं हैं की क्या पाकिस्तान वास्तव में इस मीटिंग में शामिल होगा? लेकिन मौजूदा दौर में पाकिस्तान जिस तरह की आर्थिक, वित्तीय संकट से घिरा हुआ है और मदद के लिए विश्व समुदाय की तरफ ताक रहा हैं, इस बात की आशंका काम ही हैं की वह बैठक का बहिष्कार करें. इस बैठक में रूस और चीन भी मौजूद हैं।
शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization, SCO) एक अंतर सरकारी संगठन है। यह संगठन राजनीति, अर्थशास्त्र, विकास और सेना के मुद्दों पर केंद्रित है। इसकी शुरुआत 1996 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान के नेताओं द्वारा ‘शंघाई फाइव’ के रूप में हुई थी। वर्तमान में संगठन के आठ सदस्य देश शामिल हैं। इन देशों की सूची में भारत, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान सहित चार पर्यवेक्षक देश और छह संवाद भागीदार देश शामिल हैं। 2001 में संगठन का नाम बदलकर एससीओ कर दिया गया। इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना, सीमा मुद्दों को हल करना, आतंकवाद और धार्मिक अतिवाद का समाधान करना और क्षेत्रीय विकास को बढ़ाना है।
Read more : राजधानी में गिरी बहुमंजिला इमारत , 14 लोग मलबे से निकाले गये, बिल्डर पर मुकदमे का आदेश