भारत, इंडोनेशिया रक्षा, व्यापार संबंधों को बढ़ावा देंगे; आतंकवाद, कट्टरपंथ का मिलकर मुकाबला करेंगे

भारत, इंडोनेशिया रक्षा, व्यापार संबंधों को बढ़ावा देंगे; आतंकवाद, कट्टरपंथ का मिलकर मुकाबला करेंगे

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  • Publish Date - January 25, 2025 / 10:05 PM IST,
    Updated On - January 25, 2025 / 10:05 PM IST

(फोटो सहित)

नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) भारत और इंडोनेशिया ने रक्षा विनिर्माण एवं आपूर्ति श्रृंखला में संयुक्त रूप से काम करने, द्विपक्षीय व्यापार में विविधता लाने एवं समुद्री सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा देने का शनिवार को निर्णय लिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के बीच व्यापक वार्ता के बाद स्वास्थ्य, समुद्री सुरक्षा, संस्कृति एवं डिजिटल क्षेत्रों में सहयोग के लिए कम से कम पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि दोनों पक्षों ने समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद रोधी और कट्टरपंथ से मुक्ति के क्षेत्र में सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और नियम आधारित व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी सेना की बढ़ती आक्रामकता पर वैश्विक चिंताओं के बीच यह टिप्पणी आई है।

भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए सुबियांतो रविवार को कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। भारत के साथ इंडोनेशिया की साझेदारी को ‘बेहद महत्वपूर्ण’ करार देते हुए सुबियांतो ने कहा कि द्विपक्षीय आर्थिक भागीदारी में तेजी लाने के लिए उन्होंने अपने अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने प्रेस वार्ता में कहा कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने बंदरगाहों, हवाई अड्डों और रेलवे सहित लगभग सभी बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में भारतीय निवेश की मांग की। उन्होंने कहा कि रक्षा सहयोग बढ़ाने पर व्यापक चर्चा हुई जिसमें साझा प्लेटफॉर्म (सैन्य साजो सामान) की मरम्मत और रखरखाव तथा जहाज निर्माण में सहयोग शामिल है।

ऐसा माना जा रहा है कि भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें खरीदने की इंडोनेशिया की इच्छा पर भी बातचीत में चर्चा हुई।

मजूमदार ने कहा कि संपूर्ण स्वास्थ्य क्षेत्र ऐसा क्षेत्र है जिसमें सहयोग की अपार संभावनाएं हैं और इंडोनेशियाई पक्ष भारतीय स्वास्थ्य सेवा समूहों को अपने देश में अस्पताल स्थापित करने के साथ-साथ उनके डॉक्टरों को भारत में प्रशिक्षित करने के लिए भी बहुत उत्सुक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने का फैसला किया है।

दोनों पक्षों ने ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिजों और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में मिलकर काम करने का भी निर्णय लिया। मोदी ने कहा, ‘‘इंडोनेशिया आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन) और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारा महत्वपूर्ण साझेदार है।’’

मोदी ने कहा, ‘हम दोनों इस पूरे क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, समृद्धि और नियम-आधारित व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस बात पर सहमत हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जानी चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘हमारी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में आसियान की एकता और केंद्रीयता पर जोर दिया गया है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘व्यापक चर्चा’ का फोकस आपसी सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित था।

उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में हमारा द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ा है और पिछले वर्ष यह 30 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया। इसे और बढ़ाने के लिए हमने बाजार पहुंच और व्यापार क्षेत्र में विविधता लाने पर बात की है।’

प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘रामायण और महाभारत से प्रेरित गाथाएं और ‘बाली यात्रा’ हमारे लोगों के बीच मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का जीवंत प्रमाण हैं।’

मोदी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि इंडोनेशिया में बोरोबुदुर बौद्ध मंदिर के बाद अब हम प्रम्बानन हिंदू मंदिर के संरक्षण में भी योगदान देंगे।’ वार्ता में भारतीय पक्ष ने इंडोनेशिया की ब्रिक्स सदस्यता का भी स्वागत किया।

प्रधानमंत्री ने रविवार को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सुबियांतो की भारत यात्रा को ‘‘हमारे लिए गर्व की बात’’ बताया।

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘जब हमने अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया था, तो इंडोनेशिया अतिथि देश था और अब, जब हम भारत के गणतंत्र बनने के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, तो राष्ट्रपति सुबियांतो समारोह में शामिल होंगे। हमने भारत-इंडोनेशिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।’’

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने बातचीत को सार्थक बताते हुए कहा कि दोनों पक्ष साझा हितों के कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।

उन्होंने गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सह-संस्थापक के रूप में तथा ‘ग्लोबल साउथ’ के हितों की रक्षा में भारत की भूमिका के बारे में भी बात की तथा कहा कि यह सहयोग वैश्विक स्थिरता और क्षेत्रीय सहयोग के लिए लाभकारी होगा।

‘ग्लोबल साउथ’ का संदर्भ दुनिया के विकासशील या कम संपन्न देशों के लिए दिया जाता है।

मजूमदार ने अंतरिक्ष को भी सहयोग के एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में चिह्नित करते हुए कहा कि भारत अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों के साथ कुछ इंडोनेशियाई उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा।

रक्षा सहयोग के बारे में उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया शीघ्र ही संबंधों को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट क्षेत्रों को लेकर एक उच्च स्तरीय समिति भारत भेजेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह भी चर्चा हुई कि जहाज निर्माण एक ऐसी चीज है जिसमें इंडोनेशिया हमारे साथ सहयोग कर सकता है। उनके पास अपने तटरक्षक और नौसेना के जहाजों के लिए व्यापक आवश्यकताएं हैं, इसलिए यह ऐसी चीज है जिस पर हम उनके साथ काम कर सकते हैं।’’ मजूमदार ने यह भी कहा कि दिल्ली से जकार्ता के लिए उड़ान सेवाएं जल्द ही शुरू की जा सकती हैं।

भाषा आशीष माधव

माधव