‘Global Hunger Index’ India: नईदिल्ली। ग्लोबल हंगर इंडेक्स का नया संस्करण जारी हो गया है। इस बार के सूचकांक में भारत की स्थिति साल भर पहले की तुलना में और खराब हो गई है। पिछले साल भारत इस सूचकांक में 107वें स्थान पर था, ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 में भारत को 125 देशों की सूची में 111वें स्थान पर रखा गया है। इसके साथ ही नई बहस और नए विवाद की शुरुआत हो चुकी है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स पर विवाद की वजह यह है कि भारत को कई पड़ोसी देशों से नीचे रखा गया है। उदाहरण के लिए- इस बार के सूचकांक में पाकिस्तान 102वें स्थान पर है, वहीं सूचकांक में बांग्लादेश को 81वें, नेपाल को 69वें और श्रीलंका को 60वें स्थान पर रखा गया है। इसका मतलब हुआ कि नेपाल और श्रीलंका और पाकिस्तान व बांग्लादेश जैसे देशों में भी भूख के मामले में स्थिति भारत से अच्छी है।
इंडेक्स के जारी होते ही इस मामले में चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। भारत सरकार ने इंडेक्स पर तत्काल प्रतिक्रिया दी और उसे सिरे से खारिज कर दिया, भारत सरकार का कहना है कि इंडेक्स को तैयार करने के लिए जिन पैमानों पर हंगर यानी भूख को कैलकुलेट किया गया है, वह भारत की वास्तविक स्थिति नहीं बता पाता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का आरोप है कि इंडेक्स के साथ मेथडोलॉजी की गंभीर समस्याएं हैं। मंत्रालय ने ये भी आरोप लगाया है कि इंडेक्स को दुर्भावनापूर्ण नीयत के साथ तैयार किया गया है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स है क्या? और इसे किस तरीके से तैयार किया जाता है? इस इंडेक्स को अलायंस 2015 नामक एक समूह तैयार करता है, जो साथ यूरोपीय गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का समूह है, जिनमें आयरलैंड का कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी का वेल्ट हंगर हिल्फे प्रमुख हैं। अलायंस 2015 का दावा है कि वह वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर हंगर का पता लगाने के लिए व्यापक पैमानों का इस्तेमाल करता है, इंडेक्स का ताजा संस्करण एक दिन पहले यानी 12 अक्टूबर को जारी हुआ है।