ब्रिटेन के साथ संबंधों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है भारत : प्रधानमंत्री मोदी

ब्रिटेन के साथ संबंधों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है भारत : प्रधानमंत्री मोदी

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  • Publish Date - July 24, 2024 / 10:57 PM IST,
    Updated On - July 24, 2024 / 10:57 PM IST

(फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी से मुलाकात के बाद कहा कि ब्रिटेन के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है और पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने की उनके देश की इच्छा का स्वागत किया।

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी से मिलकर खुशी हुई। व्यापक रणनीतिक साझेदारी को प्रगाढ़ करने के लिए प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर द्वारा दी गई प्राथमिकता की सराहना करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम संबंधों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। द्विपक्षीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल और पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए समझौता करने की इच्छा का स्वागत करते हैं।’’

लैमी व्यापार समझौते के लिए वार्ता को गति देने तथा स्वच्छ ऊर्जा, नई प्रौद्योगिकियों और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समग्र द्विपक्षीय साझेदारी को पुनः स्थापित करने के लिए भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।

ब्रिटेन के विदेश मंत्री की नयी दिल्ली यात्रा, प्रधानमंत्री स्टॉर्मर की लेबर सरकार के पांच जुलाई को सत्ता में आने के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच पहली उच्च स्तरीय वार्ता है।

मोदी ने कहा, ‘‘ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी से मिलकर खुशी हुई। प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर द्वारा रणनीतिक साझेदारी को व्यापक और प्रगाढ़ बनाने को दी गई प्राथमिकता की सराहना करता हू।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। द्विपक्षीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल और पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए की इच्छा का स्वागत करते हैं।’’

लैमी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज शाम संबंधों के संपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक वार्ता की।

लैमी ने कहा, ‘‘भारत 21वीं सदी की उभरती हुई महाशक्ति है, 1.4 अरब लोगों के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा देश है और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।’’

ब्रिटेन की सरकार के बयान में कहा गया है कि लैमी ब्रिटेन-भारत साझेदारी को फिर से स्थापित करने पर जोर देंगे, जिसमें मुक्त व्यापार समझौता हासिल करने के लिए लंदन की प्रतिबद्धता को मजबूत करना भी शामिल है और इससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को फायदा होगा।

भाषा

देवेंद्र सुभाष

सुभाष