भारत, कनाडा के बीच तनाव का सिखों पर असर पड़ेगा : एनएपीए

भारत, कनाडा के बीच तनाव का सिखों पर असर पड़ेगा : एनएपीए

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  • Publish Date - October 18, 2024 / 12:59 PM IST,
    Updated On - October 18, 2024 / 12:59 PM IST

चंडीगढ़, 18 अक्टूबर (भाषा) सिखों के एक संगठन ने शुक्रवार को कहा कि भारत और कनाडा के बीच, विशेषकर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर जारी हालिया कूटनीतिक तनाव का सिख समुदाय के लोगों पर गहरा असर पड़ा है।

नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (एनएपीए) के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने कहा कि इस घटना ने समुदाय के भीतर पहले से मौजूद असुरक्षा और अलगाव की भावना को और बढ़ावा दिया है, जिससे सिख प्रवासी परिवारों की पहचान, राजनीतिक मान्यताओं और सामाजिक संबंधों पर असर पड़ा है।

इस सप्ताह की शुरुआत में भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था और निज्जर की हत्या में एक राजदूत की संलिप्तता से संबंधित कनाडा के आरोपों को खारिज करते हुए कनाडा में अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को वापस बुला लिया था।

पिछले साल जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

चहल ने कहा कि निज्जर की घटना ने सिख समुदाय के भीतर पहले से मौजूद अलगाव की भावना को और बढ़ावा दिया है।

उन्होंने कहा कि समुदाय के कुछ सदस्य कनाडा सरकार के रुख को मानवाधिकारों की वैध रक्षा के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य इसे भारत की संप्रभुता का अपमान मानते हैं।

उन्होंने कहा कि यह ध्रुवीकरण परिवारों और समाज में दरार पैदा कर सकता है जिसके कारण जोरदार बहस और मनमुटाव की स्थिति पैदा हो सकती है।

उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसियों की संलिप्तता और राजनीतिक हिंसा के आरोप ने कई सिखों, विशेषकर अपनी राजनीतिक मान्यताओं के बारे में मुखर रहे लोगों में डर की भावना पैदा हो गई है।

चहल ने कहा कि आम परिवारों को अपने विचारों की अभिव्यक्ति के कारण निशाना बनाए जाने की चिंता हो सकती है जिससे समुदाय के अंदर मुक्त अभिव्यक्ति पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि सामुदायिक संबंधों के लिहाज से सिख परिवारों के संबंध अपने गैर-सिख पड़ोसियों और मित्रों के साथ जटिल हो सकते हैं।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश