बढ़ती मंहगाई को कंट्रोल करने सरकार ने बनाया ये खास प्लान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी जानकारी, जानिए डिटेल

CPI आधारित इंफ्लेशन रेट लगातार अपने ऊंचे स्तर पर बना हुआ जिसके कारण कई प्रोडक्टस की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस मुद्दे पर निर्मला सीतारमण का कहना है कि महंगाई पर रोक के लिए उचित और सटीक उपायों की जरूरत है।

  •  
  • Publish Date - July 13, 2022 / 02:33 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

नई दिल्ली। देश में मंहगाई अपने चरम पर है। जिससे आम जनता काफी ज्यादा परेशान है और इसे लेकर सरकार भी काफी चिंतित है। मंहगाई को ही इंफ्लेशन रेट कहा जाता है और इसके बढ़ने घटने से ही महंगाई की दर का अनुमान भी लगाया जाता है। इसी इंफ्लेशन को कंट्रोल में रखने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खास प्लान तैयार किया है। दरअसल, CPI आधारित इंफ्लेशन रेट लगातार अपने ऊंचे स्तर पर बना हुआ जिसके कारण कई प्रोडक्टस की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस मुद्दे पर निर्मला सीतारमण का कहना है कि महंगाई पर रोक के लिए उचित और सटीक उपायों की जरूरत है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

यह भी पढ़ें: जानें कुवैत और शारजाह समेत खाड़ी देशों में क्यों बढ़ी है INDIAN COW के गोबर की मांग?, क्या है सच्चाई

रिजर्व बैंक का अनुमान

लगातार बढ़ते इंफ्लेशन रेट को लेकर वित्त मंत्री ने चिंता जताते हुए कहा कि, ‘रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही की शुरुआत तक केंद्रीय बैंक और सरकार दोनों को ही सचेत रहना होगा.’ इसका मतलब ये है कि अक्टूबर के महीने तक मुद्रास्फीति पर बहुत ज्यादा सजगता जरुरी है क्योंकि यदि सजगता नहीं दिखाई गई तो इसका असर सीधे इंफ्लेशन रेट यानि कि मंहगाई पर पड़ेगा।

यह भी पढ़ें:  इन दो गांवों में आज तक नहीं पहुंच पाया ‘विकास’, बरसात में पेड़ के नीचे लगता है स्कूल, टूट जाता है संपर्क

जून महीने के आंकड़े थे चिंताजनक

बता दें कि खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े जो कि जून महीने में आए हैं, उसकी दर अपने मामूली दर से गिरकर 7.01 फीसदी रही जो कि काफी कम और चिंताजनक हैं। यह काफी महीनों से देखा जा रहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के अनुमान के मुताबिक नहीं है और लगातार ऊंचे स्तर पर बनी हुई है। जिसे लेकर आबीआई काफी ज्यादा चिंतित है और इसे कम करने के उपाय तलाश रही है, वहीं देश के सभी केंद्रीय बैंकों को मुद्रास्फीति को चार फीसदी पर रखने को कहा गया है।

यह भी पढ़ें:  आम आदमी को महंगाई का एक और बड़ा झटका, सीएनजी और पीएनजी के दामों इतने रुपए की हुई बढ़ोतरी