Income Tax 2024: नए ITR form में हुए ये बड़े बदलाव, जानिए ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम से जुड़ी ये अहम बातें |Income Tax Return Filing 2024

Income Tax 2024: नए ITR form में हुए ये बड़े बदलाव, जानिए ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम से जुड़ी ये अहम बातें

Income Tax 2024: नए ITR form में हुए ये बड़े बदलाव, जानिए ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम से जुड़ी ये अहम बातें Income Tax Return Filing 2024

Edited By :  
Modified Date: February 17, 2024 / 04:15 PM IST
,
Published Date: February 17, 2024 4:02 pm IST

Income Tax Return Filing 2024: नए वित्त वर्ष 2023-24 और मूल्यांकन वर्ष 2025-26 के लिए नए आयकर रिटर्न फॉर्म जारी किए हैं। बता दें कि इस साल इन फॉर्मों में कुछ बदलाव किए गए हैं। आयकर दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई तय की गई है।

Read More: Online Voter ID Card : घर बैठे बन जाएगा वोटर आईडी कार्ड, बस फॉलो करने होंगे ये आसान स्टेप्स 

ITR-1 फॉर्म में हुए ये बदला

नए ITR-1 फॉर्म में करदाताओं को यह बताना होगा कि उन्होंने ओल्ड या फिर न्यू टैक्स रिजीम को चुना है। नई रियायती कर व्यवस्था लागू होने के बाद ये एक डिफॉल्ट विकल्प बन गया है। हालांकि, करदाताओं के पास ITR-4 दाखिल करते समय फॉर्म 10-IEA दाखिल करके पुरानी व्यवस्था से बाहर निकलने और बने रहने का प्रावधान अभी भी है। बता दें कि ITR-1 एक सरल आय संरचना वाले व्यक्तियों के लिए एक सरलीकृत फॉर्म है। ये व्यवसाय या पेशे से आय, पूंजीगत लाभ या डुअल टैक्सेशन राहत का दावा करने वाले व्यक्तियों को पूरा नहीं करता है। इसके अलावा, अन्य पात्रता मानदंड भी हैं, जैसे-निवासी व्यक्ति होना, कुल आय 50 लाख रुपये तक होना, कृषि आय 5,000 रुपये तक होना और केवल एक घर की संपत्ति का मालिक होना।

Read More: AI Edit PM Modi’s Song : पीएम मोदी की आवाज में वायरल हो रहा ये गाना, AI की मदद से किया गया एडिट, सुनें आप भी.. 

‘नकदी में रसीदें’ कॉलम जोड़ा गया

ITR-4 (SUGAM) विशेष रूप से व्यक्तियों, HUF और फर्मों के लिए डिजाइन किया गया है, जिन्होंने आयकर अधिनियम की धारा 44AD या 44AE के तहत अनुमानित टैक्सेशन स्कीम का विकल्प चुना है। धारा 44एडी के तहत अनुमानित टैक्सेशन का विकल्प चुनने वाले व्यवसायों के लिए मानदंड में आसानी है। नकद कारोबार या नकद सकल प्राप्तियों का खुलासा करने के लिए एक नया ‘नकदी में रसीदें’ कॉलम जोड़ा गया है। इस योजना के लिए नकद कारोबार की सीमा 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये तय कर दी गई है। हालांकि, इसमें यह शर्त है कि नकद प्राप्तियां पिछले वर्ष के कुल कारोबार या सकल प्राप्तियों के 5% से अधिक न हों।

Read More: Suhani Bhatnagar Passes Away: नहीं रही ‘दंगल गर्ल’, बेहद ही कम उम्र में दुनिया से कहा अलविदा 

ITR-6 में हुए ये बदला

कंपनियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले ITR-6 में भी अतिरिक्त विवरण की आवश्यकता वाले बदलाव हुए हैं। इस फॉर्म में अब कंपनियों से कुछ अतिरिक्त विवरण की आवश्यकता होगी, जिसमें कानूनी इकाई पहचानकर्ता (LEI), एमएसएमई पंजीकरण संख्या, धारा 44एबी के तहत कर ऑडिट के कारण, वर्चुअल डिजिटल संपत्ति, 115बीबीजे धारा के तहत कर योग्य ऑनलाइन गेम से जीत का खुलासा शामिल है। इसके अलावा, धारा 44एबी और धारा 92ई के तहत ऑडिट रिपोर्ट के लिए पावती संख्या और यूडीआईएन का उल्लेख करना जरूरी होगा।

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp