ओडिशा में तेंदुओं की पहली गणना में इस प्रजाति के 696 प्राणी पाए गए

ओडिशा में तेंदुओं की पहली गणना में इस प्रजाति के 696 प्राणी पाए गए

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  • Publish Date - October 3, 2024 / 06:45 PM IST,
    Updated On - October 3, 2024 / 06:45 PM IST

भुवनेश्वर, तीन अक्टूबर (भाषा) ओडिशा में राज्य प्रायोजित तेंदुओं की पहली गणना में प्रदेश के विभिन्न वन क्षेत्रों में इस प्रजाति के 696 प्राणियों की मौजूदगी का पता चला है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

ओडिशा वन विभाग की गणना रिपोर्ट बृहस्पतिवार को यहां राज्य वन्यजीव सप्ताह मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जारी की गई।

‘ऑल ओडिशा लेपर्ड एस्टीमेशन’ पर टिप्पणी करते हुए, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव, सुशांत नंदा ने कहा कि सिमिलिपाल बाघ अभयारण्य और आसपास के क्षेत्रों में लगभग 200 तेंदुए पाए गए, जो प्रदेश में सबसे अधिक हैं।

नंदा ने कहा कि सतकोसिया क्षेत्र इन पशुओं के लिये एक और आशाजनक स्थल बन गया है, जहां 150 के करीब तेंदुए मिले हैं । अधिकारी ने बताया कि अभयारण्य के बाद सतकोसिया में तेंदुए की सबसे अधिक आबादी है और यह दूसरे स्थान पर है ।

उन्होंने कहा कि गणना के दौरान, संबलपुर जिले के हीराकुंड, रेधाखोल और संबलपुर क्षेत्रों में 70 से 80 जंगली तेंदुए पाए गए, जिसके बाद नुआपाड़ा जिले के सुनाबेड़ा और खारियार के जंगलों में 40 तेंदुए मिले ।

इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ओडिशा में तेंदुओं की 45 प्रतिशत आबादी संरक्षित क्षेत्र के बाहर स्थित है… प्रादेशिक वन प्रभागों में तेंदुओं की काफी मौजूदगी है।’’

इसमें कहा गया है कि 47 वन प्रभागों में विभिन्न संकेतों के माध्यम से तेंदुए की उपस्थिति की पहचान करने के लिए यह गणना की गयी थी, जिसमें पैरों के निशान, खरोंच, मल, रेक, मूत्र स्प्रे, आवाज और पशुधन की लूट शामिल है।

अधिकारियों ने कहा कि तेंदुओं के प्रत्यक्ष या परोक्ष सबूतों की पुष्टि वाले स्थलों पर कैमरा ट्रैप का इस्तेमाल करके निगरानी की गई।

उन्होंने कहा कि अगले साल से सर्वेक्षण वार्षिक अखिल ओडिशा बाघ अनुमान के साथ समन्वित किया जाएगा।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने 2022 में ओडिशा में तेंदुओं की गणना की थी, जिसमें 568 तेंदुए पाए गए थे।

एनटीसीए की 2017 की गणना के अनुसार, राज्य में तेंदुओं की आबादी 760 थी।

भाषा रंजन रंजन माधव

माधव