आबकारी मामले में सीबीआई ने अदालत से कहा, ‘घोटाले’ के जरिए एकत्र अवैध धन से आप को फायदा हुआ

आबकारी मामले में सीबीआई ने अदालत से कहा, ‘घोटाले’ के जरिए एकत्र अवैध धन से आप को फायदा हुआ

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  • Publish Date - September 5, 2024 / 09:16 PM IST,
    Updated On - September 5, 2024 / 09:16 PM IST

नयी दिल्ली, पांच सितंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यहां एक विशेष अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राष्ट्रीय राजधानी में शराब कारोबार का निजीकरण करने की “पूर्वनिर्धारित” योजना थी और उनकी आम आदमी पार्टी (आप) को आबकारी नीति “घोटाले” के माध्यम से जुटाए गए अवैध धन से लाभ हुआ।

सीबीआई ने हाल ही में मामले में केजरीवाल के खिलाफ दायर अपने पूरक आरोपपत्र में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष ये आरोप लगाए।

अदालत ने तीन सितंबर को केजरीवाल, आप विधायक दुर्गेश पाठक और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने आरोप लगाया कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में इसके समग्र प्रभारी केजरीवाल अवैध धन जुटाने की आपराधिक साजिश के पीछे थे।

इसमें आरोप लगाया गया है कि अपनी “पूर्वनिर्धारित” योजना को अंजाम देने के लिए केजरीवाल ने मार्च 2021 में आप के लिए वित्तीय सहायता मांगी, जब सह-आरोपी मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) द्वारा आबकारी नीति तैयार की जा रही थी।

केजरीवाल के करीबी सहयोगी और आप के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर पर आरोप है कि उन्होंने शराब कारोबार में विभिन्न हितधारकों से संपर्क किया और नीति में “अनुकूल समायोजन” के बदले में रिश्वत की मांग की। नायर इस मामले में आरोपी भी हैं।

आरोप-पत्र में दावा किया गया है कि नायर के पास शराब कारोबार में विभिन्न हितधारकों से संपर्क करने का कोई अधिकार या कारण नहीं था और वह केजरीवाल की अनुमति और निर्देश के बिना ऐसा नहीं कर सकते थे।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि अवैध रूप से जुटाई गई धनराशि का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनावों में आप के चुनावी खर्च को पूरा करने के लिए किया गया।

इसमें आरोप लगाया गया है कि पाठक, जो गोवा विधानसभा चुनावों के लिए आप के समग्र प्रभारी थे, ने चुनाव संबंधी सभी खर्चों का प्रबंधन किया।

न्यायाधीश ने संज्ञान लेते हुए कहा कि केजरीवाल और अन्य आरोपियों के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

न्यायाधीश ने न्यायिक हिरासत में बंद केजरीवाल के लिए पेशी वारंट जारी किया और पाठक को 11 सितंबर को तलब किया।

सीबीआई ने कुछ सप्ताह पहले केजरीवाल, पाठक, विनोद चौहान, आशीष माथुर और शरत रेड्डी के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया था।

सीबीआई ने पिछले महीने अदालत को सूचित किया था कि उसने इस मामले में केजरीवाल और पाठक पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी प्राप्त कर ली है।

भाषा

प्रशांत अविनाश

अविनाश