प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में ममता ने बांग्ला को ‘शास्त्रीय भाषा’ घोषित करने का आग्रह किया

प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में ममता ने बांग्ला को 'शास्त्रीय भाषा' घोषित करने का आग्रह किया

प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में ममता ने बांग्ला को ‘शास्त्रीय भाषा’ घोषित करने का आग्रह किया
Modified Date: January 11, 2024 / 10:53 pm IST
Published Date: January 11, 2024 10:53 pm IST

(फोटो के साथ)

कोलकाता, 11 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे बांग्ला को ‘शास्त्रीय भाषा’ घोषित करने का आग्रह किया।

उन्होंने पत्र में प्रधानमंत्री से इस संबंध में गृह मंत्रालय (एमएचए) को आवश्यक निर्देश जारी करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बांग्ला भारत में दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और दुनिया में सातवीं सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।

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बनर्जी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर ‘बांग्ला’ करने की राज्य की लंबे समय से की जा रही मांग पर ध्यान नहीं देने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसे (राज्य का नाम बदलकर बांग्ला करने का प्रस्ताव) विधानसभा में दो बार पारित किया था और उनके सभी भ्रमों को दूर किया था। लेकिन फिर भी इस मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। यदि बम्बई मुंबई हो सकता है, उड़ीसा ओडिशा हो सकता है, तो हमें नए नाम की अनुमति क्यों नहीं है? बंगाल का महत्व कम किया जा रहा है।’’

मोदी को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा कि पहले से ही छह आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त शास्त्रीय भाषाएं हैं – तमिल, संस्कृत, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और उड़िया।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की राष्ट्रीय भाषा होने के अलावा, बांग्ला पश्चिम बंगाल की आधिकारिक भाषा है। उन्होंने कहा कि बंगालियों के पास प्रागैतिहासिक काल से चली आ रही समृद्ध विरासत और संस्कृति है।

भाषा देवेंद्र वैभव

वैभव


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