नई दिल्लीः impose lockdown in India in February देश में कोरोना के ओमीक्रॉन वैरिएंट ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। अलग-अलग राज्यों के इस वैरिएंट के अब तक 145 मामले सामने आए है। इतनी संख्या में मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। इसी बीच नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल समिति के प्रमुख विद्यासागर ने भारत में ओमीक्रॉन और तीसरी लहर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होनें कहा कि भारत में ओमीक्रॉन ही तीसरी लहर लेकर आएगी, लेकिन ये दूसरी लहर की तुलना में हल्की होगी। बता दें कि नीति आयोग की ओर से पहले ही इस बात की आशंका जताई जा चुकी है कि अगर भारत में हालात बिगड़े तो रोजाना 14 लाख नए कोरोना मरीज मिल सकते हैं।
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impose lockdown in India in February विद्यासागर ने कहा कि अभी हम प्रति दिन लगभग 7,500 मामले सामने आ रहे हैं। साथ ही कहा कि ये बहुत कम संभावना है कि तीसरी लहर में दूसरी लहर की तुलना में अधिक दैनिक मामले दिखाई देंगे। इसके अलावा कहा कि भारत सरकार ने आम भारतीयों को 1 मार्च से ही टीकाकरण शुरू कर दिया था। उन्होंने आगे कहा कि एक सीरो-सर्वेक्षण के अनुसार एक छोटा अंश बचा है जो डेल्टा वायरस के संपर्क में नहीं आया है। अब हमारे पास 75 प्रतिशत से 80 प्रतिशत (पूर्व जोखिम), 85 प्रतिशत वयस्कों के लिए पहली खुराक, 55 प्रतिशत वयस्कों के लिए दोनों खुराक, और 95 प्रतिशत की महामारी के लिए पहुंच है। इसका मतलब है कि जनता का केवल एक छोटा सा हिस्सा वायरस के संपर्क में नहीं आया है।
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साथ ही कहा कि तीसरी लहर में दूसरी लहर के रूप में दैनिक मामलों को नहीं देखा जाएगा। हमने उस अनुभव के आधार पर अपनी क्षमता भी बनाई है, इसलिए हमें बिना किसी कठिनाई के सामना करने में सक्षम होना चाहिए। आईआईटी के प्रोफेसर ने कहा कि मामलों की संख्या दो कारकों पर निर्भर करेगी, जिनमें से प्रत्येक वर्तमान में अज्ञात है। उन्होंने कहा कि पहला ओमीक्रॉन किस हद तक डेल्टा के पूर्व संपर्क से प्राप्त प्राकृतिक प्रतिरक्षा को दरकिनार कर देता है।
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वहीं उन्होंने दूसरे कारण का हवाला देते हुए कहा कि दूसरा ओमीक्रॉन किस हद तक टीकाकरण द्वारा प्रदान की गई प्रतिरक्षा को दरकिनार कर देता है, क्योंकि ये मालूम नहीं हैं। विद्यासागर के अनुसार सबसे खराब स्थिति में देश में तीसरी लहर की चपेट में आने की स्थिति में भारत में प्रति दिन दो लाख से अधिक मामले नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि मैं इस बात पर जोर देता हूं कि ये अनुमान हैं, भविष्यवाणियां नहीं।