Publish Date - May 13, 2020 / 11:55 AM IST,
Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज पीएम मोदी द्वारा घोषत आर्थिक पैकेज का विवरण देते हुए कहा कि समाज के कई वर्गों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करने के बाद पीएम ने एक व्यापक दृष्टिकोण को आपके सामने रखा। आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभ-अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढाँचा, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड हैं।
MSME को चार साल के लिए तीन लाख करोड़ का लोन बिना गारंटी के दिया जाएगा।
एमएसएमई को राहत, एक साल तक कर चुकाने से मुक्ति।
माइक्रो यूनिट में 25 हजार का निवेश तक माना जाता था अब ये निवेश 1 करोड़ तक हो सकता है, और टर्नओवर 5 करोड़ तक हो सकता है।
आत्मनिर्भर भारत अब मेक इन इंडिया के तहत आगे बढ़ेगा।
ज्यादा निवेश वाली कंपनियों को एमएसएमई के दायरे में ही रखा जाएगा।
200 करोड़ तक के सारे टेंडर ग्लोबल टेंडर नहीं होंगे।
आकार बढ़ाने की चाहत रखने वाली एमएसएमई को फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी।
15 विभिन्न कदमों का जिक्र होगा जिसमें 6 माइक्रो स्मॉल मीडियम एंटरप्राइसेस के लिए कदम उठाएंगे दो कदम एमएसएमई के फाइनेंस से जुड़ा है 2 पीएफ से जुड़े हैं।
एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा।
ईपीएफ के लिए दी गई सहायता अगले तीन मई के लिए बढ़ाई जा रही है. जो पहले मार्च, अप्रैल, मई तक दी गई थी।
2 हजार 500 करोड़ की मदद इसके लिए सरकार की ओर से दी जा रही है।
15 हजार से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता, सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी।
सरकारी और पीएसयू को 12 प्रतिशत ही देना होगा. पीएसयू पीएफ का 12 फीसदी ही देंगे लेकिन कर्मचारियों को 10 प्रतिशत पीएफ देना होगा।
एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ की स्कीम।
डिस्कॉम को कैश फ्लो की दिक्कत हो रही है, उनके लिए 90 हजार करोड़ की सहायता तय की गई है।
बिजली कंपनियों को 90 हजार करोड़ की नकदी, राज्य सरकार को देनी होगी गारंटी।