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नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) संसदीय कार्य राज्य मंत्री एल मुरुगन ने सोमवार को राज्यसभा को सूचित किया कि 1956 से 2024 तक संसद में सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों के कार्यान्वयन की दर 99 प्रतिशत से अधिक रही है।
मुरुगन ने कहा कि इस अवधि के दौरान राज्यसभा में दिए गए आश्वासनों के कार्यान्वयन की दर 99.07 प्रतिशत रही जबकि लोकसभा में यह दर 99.43 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में सरकार ने 913 आश्वासन दिए जिनमें 580 आश्वासनों का कार्यान्वय किया जा चुका है और 330 आश्वासनों का कार्यान्वयन बाकी है।
उन्होंने कहा कि आश्वासनों को, आश्वासन दिए जाने की तारीख से तीन महीने की अवधि के अंदर पूरा किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नीतिगत मुद्दे सहित विभिन्न कारणों से आश्वासनों के कार्यान्वयन में देरी होती है।
मुरुगन राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे।
इसी दौरान कांग्रेस सदस्य शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि संसद सदस्यों द्वारा मंत्रियों को लिखे गए पत्रों का जवाब नहीं मिलता है।
इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि शिष्टाचार और सद्भावना के तहत सरकारी विभागों और मंत्रियों को पत्रों का जवाब देना चाहिए लेकिन ऐसा कोई बाध्यकारी नियम नहीं है जिसके तहत किसी खास पत्र का जवाब देना जरूरी हो।
भाषा अविनाश मनीषा
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