नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी)-दिल्ली के अनुसंधानकर्ताओं ने रासायनिक संरचनाओं में कैंसर पैदा करने वाले तत्वों (कार्सिनोजेन्स) का पता लगाने के लिए कृत्रिम मेधा आधारित एक मॉडल विकसित किया है, जो नयी दवाओं की जांच में फार्मा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि मेटाबोकिलर नाम के सॉफ्टवेयर पर अनुसंधान रिपोर्ट रासायनिक जीवविज्ञान के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक ‘नेचर केमिकल बायोलॉजी’ में भी प्रकाशित हुआ है।
आईआईआईटी-दिल्ली के कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर गौरव आहूजा ने कहा, ‘हमारा नवीनतम कार्य एक कृत्रिम मेधा मॉडल का निर्माण करता है जो रासायनिक संरचनाओं से कार्सिनोजेन्स को पहचान सकता है।’
आहूजा ने कहा कि नयी दवाओं की जांच के लिए फार्मा उद्योग में मेटाबोकिलर का बहुत महत्व और उपयोग है।
उन्होंने कहा कि लगभग पांच प्रतिशत कैंसर आनुवांशिक होता है जबकि लगभग 95 प्रतिशत कैंसर पर्यावरण में कार्सिनोजेन्स के संपर्क में आने के कारण होता है।
भाषा नेत्रपाल नरेश
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