नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में 500 ऐसी महिलाओं की पहचान करने का निर्देश दिया, जो सार्वजनिक परिवहन वाहन चलाने में रुचि रखती हों। राजनिवास अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि सक्सेना ने ‘दिल्ली में महिला सुरक्षा पर कार्य बल’ की 19वीं बैठक की अध्यक्षता की और विशिष्ट निर्देश जारी किए।
एक अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के सभी विभागों और कार्यालयों में 15 दिन का विशेष अभियान तत्काल चलाकर मौजूदा अंधेरे वाले स्थानों की पहचान करने और एक पखवाड़े के भीतर वहां लाइट की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसी जगहों को सबसे संवेदनशील मानते हुए उपराज्यपाल ने इस अभियान की “पहले और बाद” की तस्वीरें उपराज्यपाल सचिवालय को भेजने को कहा, ताकि इस पर नजर रखी जा सके।”
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को शहर में, विशेषकर बस स्टॉप के पास, अंधेरे वाले स्थानों का नए सिरे से ऑडिट करने के लिए भी कहा गया है।
उपराज्यपाल ने कार्य बल से दिल्ली में 500 महिलाओं की पहचान करने को भी कहा, जिन्हें सार्वजनिक परिवहन वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जा सके।
परिवहन विभाग ने बताया कि फिलहाल 660 महिलाएं ऑटो रिक्शा चला रही हैं जबकि डीटीसी बसों में 96 महिला चालक और 1,100 बस परिचालक हैं।
बैठक के दौरान सक्सेना को बताया गया कि ‘सेफ्टीपिन’ द्वारा किए गए ऑडिट में 1,406 अंधेरे वाले स्थानों की पहचान की गई है, जहां लाइट लगाने की जरूरत है। इस पर दिल्ली नगर निगम आयुक्त ने कहा कि अंधेरे वाले 1,158 स्थानों पर लाइट लगा दी गई है।
दिल्ली पुलिस ने बैठक के दौरान उपराज्यपाल को बताया कि शहर में महत्वपूर्ण स्थानों पर 10,000 एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और संकट में फंसी महिलाओं की मदद के लिए 15 महिला पीसीआर वैन तैनात की गई हैं।
महिला सुरक्षा पर बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने कहा कि सक्सेना के दिल्ली के उपराज्यपाल का कार्यभार संभालने के बाद से महिलाओं के खिलाफ अपराधों में “तेज वृद्धि” हुई है।
पार्टी ने बयान में कहा, “निर्वाचित सरकार के कामकाज में लगातार बाधाएं उत्पन्न होने के बावजूद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ सरकार ने अंधेरे वाले स्थानों की पहचान की है और दिल्ली में दो लाख से अधिक एलईडी लाइट लगाई हैं।’
पार्टी ने कहा कि दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए उपराज्यपाल सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा करते हुए सक्सेना ने अधिकारियों को सात मंजिल से अधिक ऊंची इमारतों पर ‘एंटी-स्मॉग गन’ लगाने का निर्देश दिया। साथ में फुटओवर ब्रिज पर एंटी-स्मॉग गन’लगाने की संभावना तलाशने को कहा ताकि सर्दियों में शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब होने से रोका जा सके।
राज निवास के अधिकारियों के अनुसार, उपराज्यपाल ने दीर्घकालिक और तात्कालिक दोनों चिंताओं पर प्रकाश डाला।
अधिकारियों को उपराज्यपाल के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने एक बयान में कहा, “निर्वाचित सरकार के कामकाज में लगातार बाधाएं उत्पन्न होने के बावजूद, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ सरकार ने कई दीर्घकालिक और अल्पकालिक उपायों के माध्यम से और दिल्ली के लोगों के समर्थन से शहर में प्रदूषण के स्तर में तेजी से गिरावट लाई है।”
सक्सेना ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सर्दियों की तैयारियां शुरू करने से पहले एक्यूआई के स्तर के गिरने का इंतजार न करें।
इस बीच, उपराज्यपाल ने दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) को इन क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने का भी निर्देश दिया।
भाषा नोमान रंजन
रंजन
रंजन