आईसीएमआर श्वसन संक्रमण और निमोनिया में एंटीबायोटिक के उपयोग के लिए दिशानिर्देश तैयार करेगा

आईसीएमआर श्वसन संक्रमण और निमोनिया में एंटीबायोटिक के उपयोग के लिए दिशानिर्देश तैयार करेगा

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  • Publish Date - September 14, 2024 / 04:55 PM IST,
    Updated On - September 14, 2024 / 04:55 PM IST

नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ऊपरी श्वसन संक्रमण, बुखार और निमोनिया में एंटीबायोटिक के आनुभजन्य उपयोग के लिए पहली बार साक्ष्य-आधारित व्यापक दिशानिर्देश तैयार करने पर काम कर रहा है।

सूत्रों ने कहा कि इस तरह के साक्ष्य प्राप्त करने की प्रक्रिया में मौजूदा साहित्य से जुड़ी व्यवस्थित समीक्षाओं और मेटा-विश्लेषणों का संकलन शामिल होगा जो अच्छी तरह परिभाषित समीक्षात्मक प्रश्नों पर केंद्रित होंगे।

उन्होंने कहा कि इन व्यवस्थित समीक्षाओं और मेटा-विश्लेषणों से प्राप्त साक्ष्यों का जीआरएडीई (सिफारिशों के मूल्यांकन, विकास और मूल्यांकन की ग्रेडिंग) दृष्टिकोण का उपयोग करके व्यवस्थित रूप से मूल्यांकन किया जाएगा ताकि इसकी गुणवत्ता का पताया लगाए जा सके।

इस संबंध में शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान निकाय ने शोधकर्ताओं से ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ (अभिरुचि पत्र) आमंत्रित किया है।

यह ग्रेडिंग पद्धति साक्ष्य की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने का काम करेगी।

‘पेशेंट, इंटरवेंशन, कंपैरिजन एंड आउटकम’ (पीआईसीओ) से जुड़े समीक्षा प्रश्नों को चार क्षेत्रों में विभाजित किया गया है – अनुभवजन्य एंटीबायोटिक को कब शुरू करना है, एंटीबायोटिक दवाओं का कौन सा वर्ग अनुभवजन्य रूप से शुरू करना है, अनुभवजन्य एंटीबायोटिक कब बंद करना है और एंटीबायोटिक को कब बदलना है।

भाषा संतोष माधव

माधव