चेन्नई, 14 जून (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि वह चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) जैसे प्रवेश परीक्षा ‘घोटाले’ का अंत कर देंगे और अबाध शिक्षा की सुलभता सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा ही एक मात्र संपत्ति है, जिसे कोई चुरा नहीं सकता। स्टालिन ने कहा,‘‘ लेकिन इसमें भी हम नीट जैसे प्रवेश परीक्षा घाटाले देख रहे हैं। यही कारण है कि हम इसका सख्ती से विरोध कर रहे हैं।’’
उन्होंने यहां स्कूली शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि तमिलनाडु पहला राज्य था, जिसने कहा था कि नीट एक ‘घोटाला’ है और अब पूरे देश ने ऐसा कहना शुरू कर दिया है।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष स्टालिन ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से एक दिन इसका अंत कर देंगे। यह हमारी जिम्मेदारी है। आपकी शिक्षा की राह में समाज, वित्तीय या राजनीतिक स्थिति बाधा नहीं बननी चाहिए। यह मेरा लक्ष्य है और यह शासन करने का हमारा द्रविड़ियन मॉडल है।’’
उन्होंने विद्यार्थियों से अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘पढ़ो, पढ़ो और बिना कहीं रुके पढ़ना जारी रखो।’’
मुख्यमंत्री ने सलाह देते हुए कहा, ‘‘आगे बढ़ना जारी रखो। आपकी नजर के सामने कोई विराम नहीं होना चाहिए, …जीत की लय बरकरार रखें, चमकना जारी रखें, तमिलनाडु को गौरवान्वित करें।’’
उन्होंने घोषणा की कि उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए सरकारी स्कूलों के छात्रों को 1,000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करने की ‘तमिल पुधालवन’ योजना अगस्त में शुरू की जाएगी।
भाषा संतोष दिलीप
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