भारत और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर महबूबा मुफ्ती ने कहा : मुझे कोई अंतर नहीं दिखता

भारत और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर महबूबा मुफ्ती ने कहा : मुझे कोई अंतर नहीं दिखता

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  • Publish Date - December 1, 2024 / 10:51 PM IST,
    Updated On - December 1, 2024 / 10:51 PM IST

जम्मू, एक दिसंबर (भाषा) पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बांग्लादेश में हिंदुओं के “उत्पीड़न” की तुलना भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति से की और मस्जिदों के सर्वेक्षण पर आपत्ति जताई।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख पर निशाना साधते हुए बांग्लादेश की स्थिति की तुलना भारत से करने वाली उनकी “राष्ट्र-विरोधी” टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा कि देश में बहुसंख्यक हिंदू धर्मनिरपेक्ष हैं और उन्होंने लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने 1947 जैसे दंगों की पुनरावृत्ति के खिलाफ चेतावनी भी दी।

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा में कहा, ‘‘बांग्लादेश में हमारे हिंदू भाई उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं, लेकिन अगर हम यहां (भारत में) अल्पसंख्यकों के साथ ऐसा ही करते हैं, तो क्या अंतर रहेगा? हमारा इतना महान देश है, जिसे दुनिया भर में उसके धर्मनिरपेक्ष स्वरूप के लिए जाना जाता है।’’

महबूबा ने कहा, “यहां (भारत में) हम अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न करते हैं और ‘शिवलिंग’ की तलाश में उनकी मस्जिदों को तोड़ देते हैं। अगर कोई हिंदू बांग्लादेश में (अत्याचार के खिलाफ) आवाज उठाता है, तो उसे जेल में डाल दिया जाता है और यहां उमर खालिद जैसे लोगों को सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है। क्या अंतर है? मुझे कोई अंतर नहीं दिखता।”

उन्होंने कहा कि देश में स्थिति अच्छी नहीं है।

महबूबा मुफ्ती ने कहा, “महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार (वल्लभभाई) पटेल, (बी आर) आंबेडकर जैसे नेताओं ने इस देश को हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों का घर बनाया। गांधी ने इसके लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी।’’

उन्होंने हालांकि कहा कि लोगों को धर्म के आधार पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे अंदेशा है कि हमें 1947 जैसी स्थिति की ओर धकेला जा रहा है।’’

भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को रोजगार, शिक्षा, अच्छे अस्पताल और सड़कें उपलब्ध कराने में विफल रही है और मंदिर खोजने के बहाने मस्जिदों को निशाना बनाकर लोगों का ध्यान भटका रही है।

महबूबा ने कहा, ‘‘देश में बिल्कुल यही हो रहा है। हाल में संभल (उत्तर प्रदेश) में चार निर्दोष युवकों की हत्या कर दी गई, लेकिन उनके लिए कौन बोलेगा? ऐसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को उमर खालिद की तरह जेल में डाल दिया जाएगा, जो पिछले चार सालों से सलाखों के पीछे है। मौजूदा हालात में कोई सुनने वाला नहीं है।’’

पीडीपी नेता ने एक याचिका का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया है कि अजमेर शरीफ दरगाह एक शिव मंदिर के ऊपर बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि हिंदुओं और सिखों सहित विभिन्न धर्मों के लोग 800 साल पुरानी इस दरगाह में जाते हैं जो गंगा-जमुनी संस्कृति का एक शानदार उदाहरण है।

उन्होंने कहा, ‘‘वे मंदिर की तलाश में इस दरगाह को भी खोदना चाहते हैं…यह कब तक चलेगा?’’

पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि लोगों को इसका मुकाबला करने के लिए खड़ा होना होगा अन्यथा “बांग्लादेश और हमारे देश में क्या अंतर है।”

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में अधिकांश हिंदू धर्मनिरपेक्ष हैं और मुझे इस बारे में कोई संदेह नहीं है। हमें इस उभरती स्थिति का मुकाबला करने के लिए खड़ा होना होगा क्योंकि हमें एक साथ रहना है और कोई दूसरा रास्ता नहीं है।’’

भाजपा ने भारत की तुलना बांग्लादेश से करने के लिए पीडीपी सुप्रीमो की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी ‘पूरी तरह गलत और निंदनीय’ है।

जम्मू-कश्मीर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने यहां पार्टी के एक समारोह से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “बांग्लादेश के हालात की तुलना भारत से करने वाला महबूबा का विवादित बयान पूरी तरह से गलत और निंदनीय है। दुनिया बांग्लादेश में मानवाधिकार के सबसे बदतर उल्लंघन से वाकिफ है, जहां अल्पसंख्यक समुदाय को लक्षित हमलों का सामना करना पड़ रहा है, महिलाओं का अपमान किया जा रहा है और एक निर्वाचित प्रधानमंत्री को देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसके अलावा देश के संस्थापक की प्रतिमाओं को अपवित्र किया गया है।”

उन्होंने कहा, “ जम्मू-कश्मीर सरकार को महबूबा के देश विरोधी बयान और उनकी साजिशों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।”

भाषा

नोमान प्रशांत

प्रशांत