कोलकाता, 17 फरवरी। पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों की महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी की मांगों के बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि वह कोई जादूगर नहीं हैं जो सभी इच्छाओं को पूरा कर दें।
ममता ने जोर दिया कि उनकी सरकार सभी की जरूरतों के बीच संतुलन के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कोई जादूगर नहीं हूं कि पैसा आसमान से नीचे आ जाएगा, जैसा कि गूपी गाइन बाघा बाइन (फिल्म) में हुआ था…पैसा एकत्र करना होगा।’’
मुख्यमंत्री 1969 में प्रदर्शित हुई सत्यजीत रे की फंतासी फिल्म ‘गूपी गाइन बाघा बाइन’ का जिक्र कर रही थीं जिसमें आसमान से मिठाइयां आती थीं।
ममता ने बांकुड़ा जिले में सरकारी सेवाओं से जुड़े एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘केंद्र द्वारा पैसे नहीं दिए जाने के बावजूद हमने तीन प्रतिशत डीए दिया है।’
वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने 15 फरवरी को बजट पेश करते हुए सरकारी कर्मचारियों और अन्य के लिए तीन प्रतिशत डीए की घोषणा की थी।
भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए बनर्जी ने दावा किया कि वह 100 दिन की मनरेगा योजना के लिए भी पैसे उपलब्ध नहीं करा रहा है। उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने इस योजना के तहत काम किया है, उन्हें भी योजना के तहत मजदूरी नहीं दी जा रही है।’
उन्होंने केंद्र पर हमला करते हुए कहा, ‘ऐसा लगता है जैसे वे अपना पैसा दे रहे हैं। यह हमारा पैसा है जो वे कर संग्रह के नाम पर ले रहे हैं और राज्य सरकारें अपने हिस्से का हकदार हैं।”
उन्होंने कहा कि राज्य के लोग अपना अधिकार चाहते हैं ना कि कोई खैरात।