जमशेदपुर, छह नवंबर (भाषा) झारखंड में जमशेदपुर पूर्व सीट से एक प्रभावशाली परिवार के व्यक्ति को टिकट देने के खिलाफ हाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले शिवशंकर सिंह ने बुधवार को कहा कि वह विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने भाजपा की ‘परिवारवाद’ के लिए आलोचना की और दावा किया कि उनके मैदान में उतरने से कांग्रेस सहित राष्ट्रीय दलों की संभावनाओं पर असर पड़ेगा।
भाजपा ने सिंह को मंगलवार को पार्टी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने और आधिकारिक उम्मीदवार एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की पुत्रवधू पूर्णिमा दास साहू के खिलाफ चुनाव लड़ने के कारण दल से निलंबित कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि उनके निर्णय से भाजपा और कांग्रेस दोनों पर असर पड़ेगा।
आरएसएस की पृष्ठभूमि से आने वाले 55 वर्षीय सिंह लगभग तीन दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने जमशेदपुर पूर्व से पूर्णिमा को मैदान में उतारने के भाजपा के फैसले पर कड़ा विरोध जताया।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व अपने भाषणों में अक्सर ‘परिवारवाद’ की आलोचना करता है, जबकि वह स्वयं वंशवादी राजनीति में लिप्त है।
सिंह ने राज्य में टिकट पाने वाले कई प्रभावशाली व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों की ओर इशारा किया, जिनमें पोटका से (पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी) मीरा मुंडा और घाटशिला से (पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र) बाबूलाल सोरेन शामिल हैं।
इस बार जमशेदपुर पूर्व सीट से 15 निर्दलीयों सहित 24 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन सिंह ने कहा कि सीट पर भाजपा, कांग्रेस और उनके बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
उन्होंने तर्क दिया कि पूर्णिमा साहू और कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. अजय कुमार दोनों ही ‘पैराशूट उम्मीदवार’ (बाहरी) हैं, जिनका जमशेदपुर पूर्व के लोगों से गहरा जुड़ाव नहीं है।
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नोमान मनीषा
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