नई दिल्ली। CJI Chandrachud on Ayurveda : भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने समग्र जीवनशैली के लिए आयुर्वेद को आवश्यक करार देते हुए गुरुवार को कहा कि आयुर्वेद से उनका जुड़ाव उस समय शुरू हुआ जब वैश्विक महामारी के दौरान उन्हें कोविड हुआ और ठीक होने के लिए उन्होंने पूरी तरह से पारंपरिक चिकित्सा पद्धति और समग्र दृष्टिकोण पर भरोसा किया।
चंद्रचूड़ ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) द्वारा आयोजित समग्र आयुर्वेद के लिए अनुसंधान और वैश्विक अवसरों में प्रगति पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी और तीसरी लहर के दौरान जब उन्हें कोविड हुआ तब उन्होंने एलोपैथिक दवाओं का सेवन बिल्कुल नहीं किया।
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, मैं आयुर्वेद और समग्र जीवनशैली का प्रबल समर्थक हूं। आयुष से मेरा जुड़ाव कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान शुरू हुआ। यह वह समय था जब निवारक स्वास्थ्य सेवा का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ गया था।
चंद्रचूड़ ने कहा, “महामारी की दूसरी और तीसरी लहर के दौरान जब मैं कोविड-19 से संक्रमित हुआ तो मैंने कोई एलोपैथिक दवा नहीं ली। इसके बजाय मैंने पूरी तरह से आयुर्वेदिक उपचार और समग्र दृष्टिकोण पर भरोसा किया, जिससे इसकी उपचार क्षमता में मेरा विश्वास और मजबूत हुआ। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा एक पारंपरिक प्रणाली है, जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर जोर देती है।
#WATCH | Speaking at the International Conference – Advancements of Research and Global Opportunities for Holistic Ayurveda (AROHA-2024) in New Delhi, CJI DY Chandrachud says, “I urge all of you to work together in upholding the standards which will strengthen traditional… pic.twitter.com/S5lHY5sGDP
— ANI (@ANI) October 17, 2024