हैदराबाद एनकाउंटर : सुप्रीम कोर्ट के इन 10 दिशा निर्देर्शों का सामना करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

हैदराबाद एनकाउंटर : सुप्रीम कोर्ट के इन 10 दिशा निर्देर्शों का सामना करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

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  • Publish Date - December 6, 2019 / 11:52 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

नई दिल्ली। हैदराबाद गैंगरेप और मर्डर के चारों आरोपियों का आज तड़के एनकाउंटर हो गया, पुलिस की थ्योरी के मुताबिक इन चारों को घटनास्थल पर लाया गया था ताकि पूरी घटना का रिक्रिएशन किया जा सके। लेकिन इनमें से एक ने पुलिसकर्मी का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की थी। पुलिस के सामने इन पर फायर करने का कोई रास्ता नहीं था और जिसमें इनकी मौत हो गई।

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गौरतलब है कि 28 नवंबर को इन चार आरोपियों की जिनकी उम्र 20 से 26 साल के बीच थी। महिला डॉक्टर को टोल बूथ पर स्कूटी पार्क करते देखा था, आरोप है कि इन लोगों ने जानबूझकर उसकी स्कूटी पंक्चर की थी, इसके बाद मदद करने के बहाने उसका एक सूनसान जगह पर लेकर गैंगरेप किया और बाद में पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया।

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पुलिस के मुताबिक घटना से पहले इन लोगों ने शराब भी पी रखी थी, रेप और मर्डर की इस घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा था और इस मामले की सुनवाई के लिए फॉस्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया था, इस एनकाउंटर को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। कुछ लोग इसके समर्थन हैं तो कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं, इस बीच हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि सितंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर पर गाइडलाइन्स जारी की थी, क्या जब जांच होगी तो तेलंगाना पुलिस खुद को साफ साबित कर पाएगी?

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एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन

  1. एनकाउंटर के बाद मामले की FIR दर्ज की जाएगी जो इलाके से संबंधित कोर्ट भेजी जाएगी।
    2. जांच राज्य की CID, दूसरे पुलिस स्टेशन या किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाएगी जो पूरी तरह साइंटिफिक, अच्छी तरह दस्तावेज आधारित और निर्णायक जांच रिपोर्ट तैयार करेगी।
    3. ये जांच SP रैंक का अधिकारी करेगा।
    4. एनकाउंटर से पहले किस तरह पुलिस टीम को जानकारी मिली, यह पुलिस डायरी में दर्ज करना होगा या किसी डिजिटल फार्म में होगा।
    5.अगर किसी हाई अथॉरिटी से सूचना मिली हो तो वो भी दर्ज होना चाहिए।
    6.एनकाउंटर में जख्मी लोगों को जल्द मेडकिल सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
    7.एनकाउंटर के बाद इसकी मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाएगी और ये रिपोर्ट इलाके के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को भेजी जाएगी।
    8.एनकाउंटर में इस्तेमाल हथियारों को पुलिस टीम सील करेगी और जांच के लिए फोरेंसिक और बैलेस्टिक लैब भेजेगी।
    9.मारे गए लोगों के पोस्टमार्टम के लिए दो डॉक्टरों की टीम होगी और हो सके तो एक जिला अस्पताल का हेड डॉक्टर हो।
    10.जब तक जांच पूरी नहीं होती, एनकाउंटर में शामिल पुलिस टीम को बारी से पहले तरक्की नहीं मिलेगी।
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