हैदराबाद स्थित आईएनसीओआईएस को बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2025 के लिए चुना गया |

हैदराबाद स्थित आईएनसीओआईएस को बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2025 के लिए चुना गया

हैदराबाद स्थित आईएनसीओआईएस को बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2025 के लिए चुना गया

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Modified Date: January 23, 2025 / 12:34 PM IST
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Published Date: January 23, 2025 12:34 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) हैदराबाद स्थित भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) को आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए संस्थागत श्रेणी में सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2025 के लिए चुना गया है।

गृह मंत्रालय के अनुसार, इस पुरस्कार के तहत किसी संस्था को 51 लाख रुपये नकद और एक प्रमाणपत्र, जबकि एक व्यक्ति को 5 लाख रुपये नकद और प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में इस वार्षिक पुरस्कार को प्रारंभ किया था जिससे भारत में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा किए गए अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को मान्यता और सम्मान प्रदान किया जा सके।

यह पुरस्कार हर साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती (23 जनवरी) पर घोषित किया जाता है।

वर्ष 2025 के पुरस्कार के लिए नामांकन 1 जुलाई, 2024 से आमंत्रित किए गए थे। इस योजना के तहत संस्थानों और व्यक्तियों से कुल 297 नामांकन प्राप्त हुए।

वर्ष 1999 में स्थापित आईएनसीओआईएस, भारत की आपदा प्रबंधन रणनीति का अभिन्न हिस्सा है और समुद्र से संबंधित खतरों के लिए समय से पहले अलर्ट जारी करने में विशेषज्ञता रखता है।

भारत और हिंद महासागर क्षेत्र के 28 देशों को 10 मिनट के भीतर सुनामी का अलर्ट जारी करने वाले भारतीय सुनामी प्रारंभिक चेतावनी केंद्र (आईटीईडब्ल्यूसी) की स्थापना आईएनसीओआईएस ने की थी। इसे यूनेस्को द्वारा शीर्ष सुनामी सेवा प्रदाता के रूप में मान्यता दी गई है।

भूकंप मापन केंद्रों, ज्वार मापक यंत्रों और अन्य महासागर संवेदकों के नेटवर्क से समर्थित यह केंद्र उच्च लहरों, चक्रवातों और तूफानी लहरों के पूर्वानुमान भी प्रदान करता है, जिससे तटीय इलाकों और समुद्री संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।

आईएनसीओआईएस ने 2013 के फाइलिन और 2014 के हुदहुद चक्रवाती तूफान के दौरान परामर्शों के माध्यम से समय पर निकासी सुनिश्चित की, जिससे तटीय आबादी पर चक्रवात का जोखिम कम हुआ।

इस केंद्र ने भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना और तटीय सुरक्षा पुलिस की मदद के लिए खोज और बचाव सहायता उपकरण विकसित किए हैं। साथ ही, इसके सीनओपीएस विजुअलाइजेशन प्लेटफॉर्म ने अचानक होने वाली समुद्री घटनाओं के दौरान प्रतिक्रिया समन्वय को मजबूत किया है।

आईएनसीओआईएस को 2024 में समुद्री सेवा में भौगोलिक विश्व उत्कृष्टता पुरस्कार और 2021 में आपदा जोखिम न्यूनीकरण उत्कृष्टता पुरस्कार भी प्रदान किया गया था।

भाषा राखी वैभव

वैभव

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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