बंगाल चुनाव के बाद हिंसा की जांच के लिए समिति का गठन, हाईकोर्ट के फैसले पर स्मृति ईरानी बोलीं- कितने दुष्कर्म तक चुप रहेंगी दीदी?

बंगाल चुनाव के बाद हिंसा की जांच के लिए समिति का गठन, हाईकोर्ट के फैसले पर स्मृति ईरानी बोलीं- कितने दुष्कर्म तक चुप रहेंगी दीदी?

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  • Publish Date - June 21, 2021 / 02:20 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद लगातार हो रही हिंसक घटनाओं के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जांच दल गठित करने के आदेश को पलटने से कोलकाता हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया है। साथ ही मामलों की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने समिति का गठन कर दिया है। यह टीम बंगाल में चुनाव के बाद जो हिंसक घटनाएं हुईं हैं उनकी जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी।

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जांच दल में मानवाधिकार आयोग के चेयरपर्सन रिटायर्ड जस्टिस अरुण मिश्रा ने समिति का गठन कर दिया है। इस 7 सदस्यीय समिति में अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद, महिला आयोग की सदस्य राजुलबेन एल. देसाई, पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार पंजा को शामिल किया गया है। इस समिति की अध्यक्षता मानवाधिकार आयोग के सदस्य राजीव जैन करेंगे।

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वहीं, इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कोलकाता हाईकोर्ट का आभार व्यक्त किया है। स्मृति ईरानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि मैं अदालत का आभार प्रकट करती हूं। उसके इस फैसले की वजह से उन लोगों को भरोसा मिलेगा, जिनका उत्पीड़न हुआ है। जिनके परिजनों के कत्ल हुए हैं और महिलाओं के रेप हुए हैं। उन लोगों को न्याय मिल सकेगा। देश के लोकतांत्रिक इतिहास में मैं पहली बार देख रही हूं कि कोई सीएम लोगों को इसलिए मरते हुए देख रही है क्योंकि उन्होंने उनको वोट नहीं दिया था।

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इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर करारा प्रहार करते हुए कहा है कि महिलाओं को घर से निकालकर ले जाया जा रहा है और उनका खुले में रेप हो रहा है, चाहे वह दलित महिला हो या फिर आदिवासी। एक 60 वर्षीय महिला ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की और बताया कि कैसे उनके 6 साल के पोते के सामने रेप किया गया। सिर्फ इसलिए उनके साथ ऐसा हुआ क्योंकि वह बीजेपी की वर्कर हैं। ममता बनर्जी चुप रहकर और कितने रेप होते देखेंगी।

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