#SarkarOnIBC24: चंडीगढ़: हरियाणा भले दिल्ली से सटा एक छोटा राज्य हो लेकिन इसके विधानसभा चुनाव के नतीजे राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डालेंगे। बीजेपी और NDA गठबंधन को जहां इससे बूस्ट मिलेगा तो वहीं इंडिया गठबंधन के लिए ये परीक्षा की घड़ी है। (How important is Haryana’s victory for BJP?) आने वाले दिनों में महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव है तो अगले साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव है।
हरियाणा में मिली चमत्कारी जीत पर भाजपा कार्यकर्ताओं का ये जश्न वाजिब है। दरअसल अबकि बार 400 पार का नारा लगाने वाली भाजपा के 240 पर सिमट जाने से भाजपा की काफी फजीहत हुई थी। बैसाखी के सहारे चल रही सरकार की छवि यू टर्न वाली गवर्नमेंट की बन गई थी। लिहाजा भाजपा और खासकर नरेंद्र मोदी की साख पर लगे डेंट की भरपाई के लिए भाजपा के सामने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में अच्छा परफारमेंस करने का मनोवैज्ञानिक दबाव था। जम्मू-कश्मीर में भले भाजपा सरकार बनाने में नाकाम रही लेकिन वो अपना पिछला प्रदर्शन बरकरार रखने में सफल रही। लेकिन हरियाणा में तो भाजपा ने हैट्रिक लगाकर रिकॉर्ड ही बना दिया। भाजपा की ये जीत महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी महत्व रखते हैं।
हरियाणा में मिली मात ने महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में होने वाले चुनाव में कांग्रेस की बारगेनिंग पावर को कमजोर किया है। इंडिया गठबंधन महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी के बैनर तले चुनाव मैदान में है। (How important is Haryana’s victory for BJP?) हरियाणा में मिली मात के बाद कांग्रेस अब शरद पवार और उद्दव ठाकरे के साथ सीट शेयरिंग की सौदेबाजी में वो दबदबा नहीं दिखा पाएगी जो वो हरियाणा को कब्जे में करने के बाद कर पाती। हरियाणा के नतीजों ने महा विकास अघाड़ी के सामने खतरे की घंटी बजा दी है।
कुछ यही हाल आम आदमी पार्टी का भी होने वाला है। यूं कहने को तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं लेकिन सीटों के बंटवारे में बात नहीं बन पाई। लिहाजा आम आदमी पार्टी ने अपने नेता केजरीवाल के गृह प्रदेश हरियाणा में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया। लेकिन दिल्ली लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी मिली करारी हार के बाद अब आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग में अपर हैंड रख पाना मुश्किल रहेगा। हालांकि हरियाणा के नतीजों को आप के नेता कुछ अलग नजरिए से देख रहे हैं।
वहीं झारखंड में मुख्य मुकाबला झारखंड मुक्ति मोर्चा और भाजपा के बीच रहने वाला है। यहां भी मुकाबला ‘एनडीए’ वर्सेस ‘इंडिया’ का ही होना है। भाजपा के लिए आदिवासी बहुल राज्य झारखंड आसान नहीं माना जा रहा है। (How important is Haryana’s victory for BJP?) लेकिन हरियाणा में भाजपा ने जाट प्रभुत्व वाली राजनीति को गैरजाट जातियों के समीकरणों के जरिए जिस कुशलता से साधा है उसने झारखंड में भी भाजपा के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।
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