(तस्वीरों के साथ)
चंडीगढ़, चार दिसंबर (भाषा) अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल
पर बुधवार को जानलेवा हमले का प्रयास किया गया लेकिन
पंजाब पुलिस के एक सतर्क सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) की त्वरित कार्रवाई से वह बाल बाल बच गए।
स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर सादे कपड़ों में बादल के बिल्कुल करीब खड़े एएसआई जसबीर सिंह को जैसे ही अकाली दल नेता बादल की जान पर खतरे का अहसास हुआ, वह तुरंत हरकत में आ गये।
टेलीविजन पर प्रसारित वीडियो में नजर आ रहा है कि पूर्व आतंकवादी नारायण सिंह चौरा व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल की ओर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है और उसने अचानक अपनी जेब से पिस्तौल निकाल ली। पैर में ‘फ्रैक्चर (हड्डी टूटने)’ के कारण बादल व्हीलचेयर पर बैठे थे।
चौरा ने जैसे ही ट्रिगर दबाने की कोशिश की, चौकन्ने सिंह ने उस पर हमला किया, उसके हाथ पकड़े और उसे धकेलकर दूर ले गये। इस हाथापाई में बंदूक चल गई लेकिन सौभाग्य से गोली सुखबीर बादल के पीछे स्थित इस धर्मस्थल की दीवार पर लगी और वह बाल-बाल बच गए।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के कार्यबल के सदस्यों के साथ मौके पर मौजूद अन्य सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और चौरा से हथियार छीन लिया।
एएसआई सिंह ने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा कि वह बस अपना कर्तव्य निभा रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ जब वह (चौरा) आया, तब मैं सतर्क था। जैसे ही उसने अपनी पिस्तौल निकाली, हमने उसे पकड़ लिया एवं हथियार छीन लिया।’’
पंजाब में शिअद सरकार द्वारा 2007 से 2017 तक की गई ‘‘गलतियों’’ के लिए स्वर्ण मंदिर में ‘सेवादार’ के रूप में बादल की सजा का यह दूसरा दिन था, जिसे ‘कवर’ करने पहुंचे मीडियाकर्मियों के कैमरे में इस दुस्साहिक हमले का पूरा दृश्य ‘रिकॉर्ड’ हो गया। यह हमला सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुआ।
इस बीच, अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने सुखबीर पर हुए जानलेवा हमले को विफल करने को लेकर पुलिसकर्मियों की तारीफ की।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भी हमलावर को पकड़ने में पंजाब पुलिस की तत्परता की प्रशंसा की।
विशेष पुलिस महानिदेशक अर्पित शुक्ला ने बताया कि एक सहायक पुलिस महानिरीक्षक, दो पुलिस अधीक्षक, दो पुलिस उपाधीक्षक और 175 पुलिसकर्मी स्वर्णमंदिर में तैनात किये गये हैं।
भाषा
राजकुमार नरेश
नरेश