नई दिल्ली: आगामी दिनों में होने वाले जनगणना 2021 और एनपीआर तैयार करने के तौर-तरीके पर चर्चा के लिए गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को दिल्ली में देश के सभी राज्यों की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि बैठक में नगणना व एनपीआर के तहत शुरू होने वाले मकान सूचीकरण के चरण पर विस्तृत चर्चा होगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए 3941.35 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया है। यह चरण एक अप्रैल से 30 सितंबर 2020 तक चलेगा। बैठक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में होगी। इस दौरान केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, मुख्य सचिव व जनगणना निदेशक भी मौजूद रहेंगे।
वहीं, दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया साथ ही राज्यपाल जगदीप धनखड़ को चुनौती देते हुए कहा है कि केंद्र का आदेश नहीं मानने पर सरकार बर्खास्त करके दिखाएं। उन्होंने यह भी कहा है कि हमारी सरकार ने पहले ही रोक लगा चुके हैं। हम पश्चिम बंगाल में एनपीआर, एनआरसी और सीएए कभी लागू नहीं होने देंगे।
ममता के बयान पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार करते हुए कहा है कि उन्हें अपने सांविधानिक कर्तव्यों को समझना चाहिए और बैठक का हिस्सा बनना चाहिए। वे एक प्रदेश की मुख्यमंत्री हैं न कि पूरे देश की प्रधानमंत्री।
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नहीं जांचे जाएंगे दस्तावेज
सूत्रों के अनुसार लोगों से ली जा रही जानकारियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच नहीं की जाएगी। लेकिन आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस होने पर इनकी जानकारी ली जाएगी। एनपीआर व जनगणना में क्षेत्रीय शिक्षकों को लगाया जाएगा, जिन्हें अधिकतम 25 हजार रुपए का भुगतान होगा।
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