Holi celebrated at the dargah of Haji Waris Ali Shah, image source: Ashwini Yadav X
बाराबंकी (उप्र): Holi celebrated at the dargah of Haji Waris Ali Shah, ‘जो रब है, वही राम’ का संदेश देने वाले सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की बाराबंकी के देवा स्थित दरगाह के परिसर में हर साल की तरह इस बार भी शुक्रवार को हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एकता की मिसाल पेश करते हुए जमकर होली खेली।
उत्तर प्रदेश में जहां कई स्थानों पर होली पर जुमे की नमाज के मद्देनजर मस्जिदों और कुछ दरगाहों को तिरपाल से ढका गया, वहीं देवा स्थित हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। सूफी संत की दरगाह के परिसर में वारसी होली कमेटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लोगों ने एक-दूसरे को रंग लगाया और होली की बधाई दी।
Holi celebrated at the dargah of Haji Waris Ali Shah, कमेटी के अध्यक्ष शहजादे आलम वारसी ने बताया कि हिन्दू और मुस्लिम हुरियारों ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए एक-दूसरे को रंग लगाया और होली की मुबारकबाद दी। इस दौरान ‘या वारिस’ की सदाएं भी फिजा में गूंजती रहीं।
उन्होंने बताया कि दरगाह परिसर के पास स्थित ‘कौमी एकता गेट’ से नाचते और गाते-बजाते लोगों का जुलूस निकाला गया। यह जुलूस हर साल की तरह देवा कस्बे से होता हुआ दरगाह पर पहुंचा। इस बार भी जुलूस में हर धर्म के लोग शामिल हुए।
देवा शरीफ़ दरगाह ( बाराबंकी ) में हिन्दू मुस्लिम मिलकर होली खेलते हैं। रंग और फूलों की होली खेली जाती है वहाँ।
— Ashwini Yadav (@iamAshwiniyadav) March 14, 2025
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आलम वारसी ने कहा, ”यह मजार इस बात की मिसाल है कि रंगों का कोई मजहब नहीं होता। यही वजह है कि हर साल की तरह ही इस बार भी यहां सभी धर्मों के लोगों ने गुलाल व गुलाब की पंखुड़ियों से एक साथ होली खेली और आपसी भाईचारे की अनोखी मिसाल पेश की।”
उन्होंने बताया कि सूफी संत हाजी वारिस अली शाह ने ‘जो रब है वही राम’ का संदेश दिया था। शायद इसीलिए यह स्थान हिन्दू-मुस्लिम एकता का संदेश देता आ रहा है। इस मजार पर मुस्लिम समुदाय से कहीं ज्यादा संख्या में हिन्दू समुदाय के लोग आकर मन्नत मानते हैं।
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