मुंबई: HMPV Virus Cases in India News Latest चीन में कहर बरपाने वाले HMPV वायरस की भारत में एंट्री हो चुकी है। बताया जा रहा है कि HMPV वायरस से संक्रमित ती मरीजों की पुष्टि हुई है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक में 2 और गुजरात में 1 मरीज की पुष्टि हुई है। हालात को देखते हुए एक बार फिर पाबंदी का दौर शुरू हो गया है। नए मरीजों की पुष्टि होने के बाद महाराष्ट्र में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की गई है।
HMPV Virus Cases in India News Latest दूसरी ओर चीन में वायरल इंफेक्शन में वृद्धि की रिपोर्ट के बीच ये मामले सामने आए हैं, जो ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से जुड़े हैं। यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिसके बारे में पहली बार 2001 में पता चला था। एचएमपीवी बुजुर्गों और बच्चों को खासकर प्रभावित करता है। बेंगलुरु में पाए गए दोनों मामलों में ब्रोन्कोपमोनिया की मेडिकल हिस्ट्री थी, जो निमोनिया का एक रूप है। तीन महीने के बच्चे को पहले ही छुट्टी दे दी गई है, जबकि 8 महीने का बच्चा रविवार को वायरस से संक्रमित पाया गया और ठीक हो रहा है। भारत सरकार ने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। यह विश्व स्तर पर और देश के भीतर पहले से ही मौजूद है। सर्दियों के मौसम में यह वायरस लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है।
एचएमपीवी से संक्रमण के लक्षण भी कोरोना वायरस जैसे ही है। हालांकि, एचएमपीवी के लक्षण गंभीरता को लेकर कुछ अलग हो सकते हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि इससे संक्रमित खांसी, बुखार, नाक बहना या बंद होना और गले में खराश की शिकायत करते हैं। कुछ लोगों को घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ (डिस्पेनिया) भी हो सकती है। कुछ मामलों में यह भी सामने आया है कि संक्रमण के हिस्से के रूप में दाने निकल आते हैं।
HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) एक श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला वायरस है, जो मुख्य रूप से सर्दियों के मौसम में फैलता है।
इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, और कभी-कभी दाने शामिल हैं।
छींकते समय रुमाल का उपयोग करें, हाथ मिलाने से बचें, और संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखें।
एचएमपीवी आमतौर पर गंभीर नहीं होता, लेकिन यह बुजुर्गों और बच्चों में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।
वायरस के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है, लेकिन लक्षणों का इलाज कर मरीज को ठीक किया जा सकता है। डॉक्टर से परामर्श आवश्यक है।