‘मोइदम्स’ के यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने पर हिमंत ने प्रधानमंत्री का आभार जताया

'मोइदम्स' के यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने पर हिमंत ने प्रधानमंत्री का आभार जताया

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  • Publish Date - July 26, 2024 / 02:29 PM IST,
    Updated On - July 26, 2024 / 02:29 PM IST

गुवाहाटी, 26 जुलाई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह सुनिश्चित करने के लिए पहल करने के वास्ते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुक्रवार को आभार जताया कि अहोम राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीले नुमा ढांचे में दफनाने की 600 साल पुरानी व्यवस्था ‘मोइदम्स’ को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में जगह मिले।

शर्मा ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र शेखावत का भी शुक्रिया अदा किया। शेखावत ने शर्मा को फोन कर उस समय यह सूचना दी, जब वह गुवाहाटी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

‘मोइदम्स’ पिरामिड सरीखी अनूठी टीले नुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। ताई-अहोम राजवंश ने असम पर लगभग 600 साल तक शासन किया था।

शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ”यह असम के लिए बहुत अच्छी खबर है, क्योंकि ‘चराइदेव मोइदम्स’ अब आधिकारिक तौर पर यूनेस्को विरासत स्थल है… असम इस सम्मान के लिए हमेशा केंद्र का ऋणी रहेगा। यह कदम केवल असम के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए सम्मान का विषय है।”

‘मोइदम्स’ यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक संपत्ति है। असम सरकार ने 2023 में प्रधानमंत्री को इस बाबत एक डोजियर सौंपा था, जिन्होंने यूनेस्को की वर्ष 2023-24 की विश्व विरासत सूची में शामिल करने के लिए भारत की ओर से नामांकन के लिए भेजे जानी वाली धरोहरों की सूची में से ‘मोइदम्स’ को चुना था।

शर्मा ने कहा, ”मोइदम्स की अनुशंसा करने की प्रधानमंत्री की पहल अहम थी, क्योंकि एक साल के लिए एक देश से केवल एक ही प्रविष्टि भेजी जा सकती है।”

नयी दिल्ली में आयोजित विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 46वें सत्र की पूर्ण बैठक में ‘मोइदम्स’ को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल करने की घोषणा की गई।

भाषा पारुल नरेश

नरेश