कर्नाटक। हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला आ चुका है। कोर्ट ने मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाओं को खारिज कर कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है।
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इस फैसले के बाद यादगीर के सुरपुरा तालुक केंबवी गवर्नमेंट पीयू कॉलेज के स्टूडेंट ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है और परीक्षा छोड़ छात्राएं कॉलेज से बाहर निकल गई। जानकारी के मुताबिक इन स्टूडेंट्स की परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक होनी थी, इसी बीच स्टूडेंट्स ने विरोध कर दिया।
परीक्षा का बहिष्कार करने वाली इन छात्राओं का कहना है कि अब वह अपने माता पिता से बातचीत करेंगी। इसके बाद ही फैसला करेंगी कि क्या उन्हें बिना हिजाब पहने कक्षाओं में आना है। एक छात्रा ने कहा कि हम हिजाब पहनकर ही परीक्षा देंगे। अगर वे हमसे हिजाब हटाने के लिए कहते हैं, तो हम परीक्षा नहीं देंगे।
तमिलनाडु: हिजाब मामले पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ न्यू कॉलेज के छात्रों ने चेन्नई में विरोध-प्रदर्शन किया। #HijabRow pic.twitter.com/vNu3bWR82Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2022
छात्राओं के विरोध पर कॉलेज प्राचार्य ने कहा कि छात्राओं को कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करने के लिए कहा गया था। उन्होंने इसका पालन करने से इनकार कर दिया। इधर तमिलनाडु में भी हिजाब मामले पर कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। न्यू कॉलेज के छात्रों ने चेन्नई में विरोध-प्रदर्शन किया।
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कही ये बात
हिजाब पर कोर्ट के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि बच्चों के लाभ के लिए सभी को कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए। यह हमारे बच्चों के भाग्य और शिक्षा का सवाल है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।
पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने फैसले का किया स्वागत
हिजाब पर कोर्ट के फैसले का पूर्व सीएम ने स्वागत किया है। पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा मैं स्कूल ड्रेस के मुद्दे पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। उच्च न्यायालय के निर्णय ने सिद्ध कर दिया है कि धर्म और उसकी मान्यताओं पर संविधान सर्वोच्च है।
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मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने कहा- किसी ने गुमराह किया था
कर्नाटक के मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने कहा कि मैं हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। राज्य के मुस्लिम छात्रों को लंबे समय तक समस्याओं का सामना करना पड़ा। किसी ने उन्हें गुमराह किया था। सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए, इसलिए सभी को आदेश मानना चाहिए।
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