बैंगलोर: चुनावी मौसम वादों और दावों का माना जाता हैं। इस मौसम में नेता जनता के सामने बड़े बड़े वादे और दावे करते नहीं थकते। नेता कभी-कभी ऐसे ऐसे वादे भी मतदाता से कर बैठते हैं जिनके पूरे होने की उम्मीद भी नहीं होती। लम्बे वक़्त से इन ‘फ्री की रेवड़ी’ पर देश के भीतर बहस जारी हैं। (High court notice to CM Siddaramaiah) ऐसे चुनावी वादों पर रोक लगाए जाने की मांग की जा रही हैं।वही कर्नाटक के मुख्यमंत्री के लिए चुनाव पूर्व किया गया वादा अब गले की फांस बन गया हैं। हाईकोर्ट ने उन्हें ‘पांच गारंटी’ के खिलाफ दायर एक याचिक के सिलसिले में नोटिस जारी किया हैं।
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दरअसल कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार को चुनावी कदाचार का आरोप लगाते हुए वरुणा विधानसभा क्षेत्र से अयोग्य ठहराए जाने की मांग वाली याचिका पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नोटिस जारी किया।
वेबसाइट लॉ ट्रेंड के मुताबिक़ यह याचिका वरुणा विधानसभा क्षेत्र के निवासी के एम शंकर ने दायर की है। याचिका में कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (2) के तहत रिश्वतखोरी के जैसा कहा गया है। आरोप लगाया गया है कि सिद्धरमैया ने संविधान के प्रावधानों और जन प्रतिनिधित्व कानून के नियमों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है। (High court notice to CM Siddaramaiah) नोटिस एक सितंबर तक वापस किया जा सकता है, न्यायमूर्ति सुनील दत्त यादव ने आदेश दिया और सुनवाई स्थगित कर दी।
याचिका में कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणापत्र को “दोषी” ठहराया गया है, जिसमें पांच गारंटियों का वादा किया गया था और उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (2) के तहत रिश्वतखोरी और अनुचित प्रभाव के समान भ्रष्ट आचरण करार दिया गया था। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि “उक्त गारंटी उम्मीदवार और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए प्रस्ताव और वादों की प्रकृति में हैं। यह प्रतिवादी (सिद्धारमैया) की सहमति से किया गया था। वे संतुष्टि के रूप में हैं वरुणा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को सीधे कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अर्थात् प्रतिवादी को वोट देने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से।