Husband’s Potency Test: ‘साबित करना होगा पति नामर्द नहीं है, करवाना होगा मर्दानगी टेस्ट’ तलाक के मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Husband's Potency Test: 'साबित करना होगा पति नामर्द नहीं है, करवाना होगा मर्दानगी टेस्ट' तलाक के मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

  •  
  • Publish Date - December 12, 2024 / 04:30 PM IST,
    Updated On - December 12, 2024 / 04:54 PM IST

भुवनेश्वर: Husband’s Potency Test हाईकोर्ट ने पति-पत्नी के तलाक के मामले में मर्दानगी जांच करवाने का फैसला सुनया है। मामले में कोर्ट ने पति और उसके परिवार की ओर दायर मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने के परिवार अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट का फैसला आने के बाद हर कोई हैरान है।

Read More: FIITJEE Chairman DK Goel Video: ‘अपने बाप की औलाद हो तो तुम यह साबित कर दो…अपनी मां से पूछो कि तुम्हारा पिता कौन है’ सैलरी मांगने पर FIITJEE के चेयरमैन ने भर-भरकर दी गालियां

Husband’s Potency Test दरअसल एक महिला ने अपने पति को नामर्द बताते हुए तलाक की याचिका लगाई थी, जिसकी सुनवाई करते हुए परिवार अदालत ने मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होकर मर्दानगी जांच करवाने आदेश दिया था। परिवार अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए महिला के पति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

Read More: Challenge the Places of Worship Act: मस्जिदों पर नहीं किया जा सकेगा दावा.. सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, पहले इस अहम कानून पर होगी सुनवाई..

पत्नी ने परिवार अदालत में पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसका पति मर्दानगी से संबंधित बीमारी से पीड़ित था और इसके लिए भुवनेश्वर में उसका इलाज चल रहा था। बयान के दौरान, उन्होंने यह भी कहा कि पति ने एम्स, भुवनेश्वर में सभी परीक्षणों का सामना किया था। पति के सामान्य होने के संदर्भ में डाक्टर रिपोर्ट दिए थे और इस संदर्भ में पत्नी को पता था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि परिवार अदालत के आदेशानुसार पति और एक बार मर्दानगी टेस्ट कराने से क्यों डर रहा है।

Read More: Nitin gadkari on road accident: नितिन गडकरी का बड़ा बयान, ‘गंदे रिकॉर्ड’ के कारण विश्व सम्मेलनों में छिपाता हूं अपना मुंह

पत्नी ने पति के मर्दानगी को कारण बताते हुए परिवार अदालत में तलाक की याचिका दायर की है। उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर पति का एक बार और मर्दानगी परीक्षण होता है तो इस मामले के बारे में तथ्य इस संबंध में अदालत और पक्षकारों को स्पष्ट किया जाएगा। ऐसे में हाईकोर्ट ने कहा है कि परिवार अदालत द्वारा याचिकाकर्ता पति को मर्दानगी परीक्षण कराने का जो निर्देश दिया गया है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। उच्च न्यायालय ने मर्दानगी परीक्षण के संबंध में परिवार अदालत के आदेश के खिलाफ पति द्वारा दायर याचिका को भी खारिज कर दिया।

 

FAQ Section

  1. हाईकोर्ट ने पति-पत्नी के तलाक के मामले में मर्दानगी जांच क्यों करने का आदेश दिया?
    • उच्च न्यायालय ने परिवार अदालत के आदेश के बाद पति को मर्दानगी जांच करवाने का निर्देश दिया, क्योंकि पत्नी ने तलाक की याचिका में पति के मर्दानगी से संबंधित बीमारी का हवाला दिया था और मर्दानगी टेस्ट की मांग की थी।
  2. क्या मर्दानगी परीक्षण के लिए पति को परिवार अदालत के आदेश का पालन करना जरूरी था?
    • हां, परिवार अदालत के आदेश के मुताबिक पति को मर्दानगी परीक्षण कराना था, और उच्च न्यायालय ने इस आदेश को सही माना, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पति को एक बार मर्दानगी परीक्षण कराना पड़ेगा।
  3. पत्नी ने मर्दानगी परीक्षण की मांग क्यों की थी?
    • पत्नी ने तलाक की याचिका में यह आरोप लगाया था कि पति मर्दानगी से संबंधित बीमारी से पीड़ित है, और इसका इलाज भी चल रहा था, जिसके आधार पर उसने मर्दानगी परीक्षण की मांग की थी।
  4. क्या उच्च न्यायालय ने पति के पक्ष में कोई फैसला सुनाया?
    • नहीं, उच्च न्यायालय ने पति की याचिका को खारिज कर दिया और परिवार अदालत द्वारा मर्दानगी परीक्षण कराए जाने के आदेश को सही ठहराया।
  5. क्या मर्दानगी परीक्षण के परिणाम से तलाक के मामले पर असर पड़ेगा?
    • हां, मर्दानगी परीक्षण के परिणाम इस मामले में अहम भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि यह तलाक के कारणों को स्पष्ट कर सकता है और अदालत को निर्णय लेने में मदद करेगा।

Read More: Raipur SP Lal Umed Singh: राजधानी के नए SP लाल उम्मेद सिंह ने लिया चार्ज.. दिया गया गार्ड ऑफ़ ऑनर.. SSP संतोष सिंह का हुआ था तबादला..

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

खबरों के तुरंत अपडेट के लिए IBC24 के Facebook पेज को करें फॉलो