V. Senthil Balaji Bail Plea Rejected : पूर्व मंत्री को हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका, खारिज की जमानत याचिका

V. Senthil Balaji Bail Plea Rejected : तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी मद्रास हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है।

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  • Publish Date - February 28, 2024 / 04:31 PM IST,
    Updated On - February 28, 2024 / 04:37 PM IST

नई दिल्ली : V. Senthil Balaji Bail Plea Rejected : मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद द्रमुक नेता और तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी मद्रास हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। ऐसा दूसरी बार हुआ है जब पूर्व मंत्री की याचिका खारिज हुई है। द्रमुक नेता और तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 14 जून, 2023 को गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं।

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हाईकोर्ट ने तीन महीने में सुनवाई पूरी करने के दिए निर्देश

V. Senthil Balaji Bail Plea Rejected : पूर्व मंत्री सेंथिल की जमानत याचिका खारिज करते हुए मद्रास हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एन. आनंद वेंकटेश ने निचली अदालत को यह भी निर्देश दिया कि जहां तक संभव हो, दिन-प्रतिदिन के आधार पर कार्यवाही करके तीन महीने के भीतर सुनवाई पूरी की जाए, क्योंकि याचिकाकर्ता 250 दिनों से अधिक समय से जेल में हैंं।

बता दें कि, चेन्नई सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) पुलिस ने घोटाले की जांच के लिए कई एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद ईडी ने उन एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की थी। इस दौरान सेंथिल बालाजी बिजली और निषेध मंत्री के रूप में कार्यरत थे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके आवास पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार कर कर लिया था।

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सेंथिल बालाजी का हुआ था ऑपरेशन

V. Senthil Balaji Bail Plea Rejected : गिरफ्तारी के दौरान सेंथिल बालाजी ने सीने में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद चेन्नई के एक सरकारी अस्पताल में मेडिकल जांच करवाई गई। इस जांच में पाया गया कि उनकी कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज है। इसके बाद उनकी पत्नी ने मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की और उन्हें एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उनका ऑपरेशन किया गया।

हाल तक पुझल केंद्रीय जेल में कैद के दौरान सेंथिल अपने पद पर बने हुए थे, लेकिन दूसरी जमानत याचिका सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश ने कहा कि महीनों तक हिरासत में रहने के बाद भी वह मंत्री पद पर कैसे बने रह सकते हैं, जिसके तुरंत बाद उन्होंने मंत्री ने पद से इस्तीफा दे दिया था।

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