नई दिल्ली। दिल्ली में बड़ी संख्या में ऐसे कैब ड्राइवर हैं, जो फर्स्ट ऐड बॉक्स में कॉन्डम रखकर चलते हैं। उनका मानना है कि यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो इसके लिए भी उनका चालान कट सकता है। एक ड्राइवर के मुताबिक सभी सार्वजनिक वाहनों के लिए हर समय कम से कम तीन कॉन्डम लेकर चलना जरूरी है।
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ड्रावइरों को यह आइडिया नहीं है कि आखिर इनका इस्तेमाल क्या है। लेकिन वे बताते हैं कि इसका इस्तेमाल किसी की हड्डी में चोट आने या फिर कट लगने पर किया जा सकता है। वह बताते हैं, ‘यदि किसी व्यक्ति को ब्लीडिंग होने लगती है तो कॉन्डम के जरिए इसे रोका जा सकता है। इसी तरह फ्रैक्चर होने की स्थिति में उस जगह पर अस्पताल पहुंचने तक कॉन्डम बांधा जा सकता है।’
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कैब ड्राइबरों के फर्स्ट ऐड बॉक्स में कॉन्डम के साथ ही डिटॉल, पैरासिटामॉल टैबलेट्स, बैंडेज देखा जा सकता है। एक ड्राइवर की माने तो हाल ही में उनका चालान कॉन्डम न रखने के लिए भी हुआ था, तब से वह काफी सतर्क रहते हैं। हालांकि उन्हें चालान की जो रसीद दी गई थी, वह ओवरस्पीड के लिए थी।
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ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा कोई नियम नहीं है। फिटनेस टेस्ट के दौरान भी ऐसी कोई पड़ताल नहीं की जाती। यदि कॉन्डम न रखने पर चालान होता है तो कैब ड्राइवरों को अथॉरिटीज से संपर्क करना चाहिए। उनका कहना था कि कई बार एनजीओ वर्कर ड्राइवरों को सेफ सेक्स के बारे में बताते हैं। शायद इसी की वजह से वे रखते हों। बता दें कि किसी भी मोटर वीइकल रूल्स में भी इसका कोई जिक्र नहीं है।
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