हेमंत सोरेन ने तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली

हेमंत सोरेन ने तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली

  •  
  • Publish Date - July 4, 2024 / 09:46 PM IST,
    Updated On - July 4, 2024 / 09:46 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

रांची, चार जुलाई (भाषा) झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने धन शोधन के एक मामले में जमानत मिलने के एक सप्ताह बाद बृहस्पतिवार की शाम यहां राजभवन में राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

उन्होंने कहा कि “सत्ता के नशे में चूर लोगों” ने उन्हें चुप कराने की कोशिश की, लेकिन अब राज्य की आवाज को मजबूती मिलेगी।

हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन का स्थान लिया, जिन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में लगभग पांच महीने के संक्षिप्त कार्यकाल के बाद बुधवार को इस्तीफा दे दिया था झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने यहां राजभवन में हेमंत सोरेन को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।

हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, उनकी मां रूपी सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाले गठबंधन के वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे। चंपई सोरेन भी इस अवसर पर मौजूद थे।

हेमंत सोरेन को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में जमानत दिए जाने के बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को उनकी गिरफ्तारी से कुछ समय पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

बिहार में वर्ष 2000 से अलग होकर नया राज्य बनाए गए झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने तीसरी बार शपथ ली है।

सोरेन पहली बार 2013 में मुख्यमंत्री बने थे और एक साल पांच महीने तक सत्ता में रहे थे। दिसंबर 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद वे फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए लेकिन इस साल जनवरी में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

शपथ ग्रहण करने के बाद सोरेन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपनी जिम्मेदारियों का अच्छी तरह निर्वाह किया।

शपथ ग्रहण से पहले हेमंत सोरन ने एक वीडियो संदेश में कहा, “सत्ता के नशे में चूर लोगों ने मुझे चुप कराने की कोशिश की, लेकिन अब झारखंडवासियों की आवाज मजबूत होगी।”

‘एक्स’ और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर अपलोड वीडियो संदेश में सोरेन ने कहा,‘‘मुझे 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया …..मैंने आपको एक संदेश दिया था कि कैसे विपक्ष ने मेरे खिलाफ जाल बिछाया और कैसे वे अपने नापाक खेल में कामयाब हुए । उन्होंने मुझे लंबे समय तक सलाखों के पीछे रखने की कोशिश की लेकिन मैंने कानूनी लड़ाई का रास्ता चुना। आपने सड़कों पर उतरकर मेरा समर्थन किया। अंतत: न्याय हुआ और मैं बेदाग बाहर आया।’’

झामुमो नेता ने कहा कि उन्हें 2019 में जनता की सेवा करने का मौका मिला था लेकिन ‘‘षड़यंत्रकारियों को यह हजम नहीं हुआ कि एक आदिवासी युवक कैसे इतनी ऊंचाई तक पहुंच सकता है और आखिरकार 31 जनवरी को झूठे आरोपों पर मुझे हटा दिया गया। भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं है।’’

सोरेन ने कहा कि वह झारखंड के लोगों की पूरे समर्पण के साथ सेवा करने के लिए तैयार हैं।

शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोरहाबादी स्थित सिद्धू-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और बिरसा चौक स्थित आदिवासी महानायक बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद वे राज्य सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया।

हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।

मंत्रिपरिषद के बारे में किए गए सवाल पर कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि हेमंत सोरेन कैबिनेट में पार्टी के प्रतिनिधित्व का फैसला आलाकमान द्वारा किया जाएगा।

मीर ने कहा कि कांग्रेस अभी तय करेगी कि कैबिनेट में पार्टी की ओर से कौन शामिल होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ पार्टी हाईकमान इस पर अंतिम फैसला करेंगी।’’

सोरेन के शपथ लेने के बाद राजभवन के बाहर जश्न का माहौल रहा और झामुमो कार्यकर्ता पटाखे फोड़ते और मिठाइयां बांटते नजर आए। पार्टी के एक कार्यकर्ता ने कहा, “शेर (हेमंत सोरेन) वापस आ गया है।”

एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि वे पिछले पांच महीनों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे। झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन को शुभकामनाएं दीं और झारखंड के लोगों की सेवा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को धन्यवाद दिया। पूर्व मुख्यमंत्री मरांडी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “आपसे (चंपई सोरेन से) बहुत सारी राजनीतिक असहमतियां हैं और आगे भी रहेंगी, पर बहुत कम व्यक्ति सत्ता के शीर्ष पर आकर बिना किसी लालच के, निस्वार्थ भाव से सेवा करके चले जाते हैं।”

हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “हेमंत जी, आपके शपथ लेते ही यह तो स्पष्ट हो गया है कि परिवार को छोड़कर आपकी पार्टी में अन्य कोई मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है। चुनाव को जहां महज 3 महीने बचे हैं, ऐसे में आपकी सत्ता के प्रति उमड़ा प्रेम, आपके स्वार्थ की राजनीति को दर्शाता है।”

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि इस घटनाक्रम से “साबित हो गया है कि सोरेन के परिवार के बाहर कोई भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकता। यह वंशवादी राजनीति और सत्ता की भूख का उदाहरण है।”

वरिष्ठ भाजपा नेता चौहान शुक्रवार को पार्टी के कई कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए रांची में हैं।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव