दिल्ली में जघन्य और सड़क पर होने वाले अपराधों में इस साल 11 प्रतिशत तक की कमी आयी : पुलिस

दिल्ली में जघन्य और सड़क पर होने वाले अपराधों में इस साल 11 प्रतिशत तक की कमी आयी : पुलिस

दिल्ली में जघन्य और सड़क पर होने वाले अपराधों में इस साल 11 प्रतिशत तक की कमी आयी : पुलिस
Modified Date: December 11, 2024 / 08:57 pm IST
Published Date: December 11, 2024 8:57 pm IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल की तुलना में इस साल हत्या और बलात्कार सहित जघन्य और सड़क पर होने वाले अपराधों की संख्या में 11 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई है। आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

आंकड़ों के मुताबिक 2023 में 30 नवंबर तक शहर में हत्या, बलात्कार, डकैती और झपटमारी के 11,207 मामले दर्ज हुए थे। इस साल इसी अवधि के दौरान यह संख्या घटकर 9,902 रह गई है।

इसके मुताबिक जनवरी से नवंबर 2023 तक दिल्ली में डकैती के कुल 1,514 मामले दर्ज किए गए जबकि 2024 में इसी अवधि के दौरान इसमें थोड़ी कमी आई और कुल 1,408 मामले दर्ज किए गए जो लगभग सात प्रतिशत कम है।

 ⁠

आंकड़ों के मुताबिक झपटमारी की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। वर्ष 2023 में 7,256 मामले दर्ज हुए थे जिसमें इस साल 22 प्रतिशत की कमी आई और 6,118 प्रकरण दर्ज हुए।

दिल्ली में हत्या के मामलों में 0.8 प्रतिशत की मामूली कमी आई है, जो 2023 में 461 मामलों से घटकर इस वर्ष 457 हो गई है।

आंकड़ों के मुताबिक 30 प्रतिशत हत्याएं क्षणिक आवेग या मामूली झगड़ों के कारण हुईं, 22 प्रतिशत दुश्मनी के कारण, 12 प्रतिशत पारिवारिक विवादों के कारण, 10 प्रतिशत अवैध संबंधों के कारण, आठ प्रतिशत अपराधियों द्वारा और छह प्रतिशत ‘‘अन्य कारणों’’ से हुईं।

आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में दुष्कर्म के मामलों में लगभग तीन प्रतिशत की कमी आई है, जो 2023 में 1,976 से घटकर 2024 में 1,919 हो गई है।

इसमें कहा गया है कि 2023 में 31 दिसंबर तक शहर में कुल 1,55,198 चोरी के अन्य मामले (ई-एफआईआर) दर्ज किए गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या 1,05,376 है।

राष्ट्रीय राजधानी में 2023 में 31 दिसंबर तक महिलाओं से छेड़छाड़ के कुल 2,345 मामले दर्ज हुए जबकि इस साल 30 नवंबर तक 1,897 ऐसे मामले सामने आए। आंकड़ों से पता चलता है कि 2023 में महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों की संख्या 381 थी, जबकि इस साल अब तक 343 ऐसी घटनाएं सामने आई हैं।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश


लेखक के बारे में