कश्मीर में भारी बर्फबारी से हवाई, रेल, सड़क यातायात बाधित; उत्तर भारत में बारिश और ठंड का प्रकोप

कश्मीर में भारी बर्फबारी से हवाई, रेल, सड़क यातायात बाधित; उत्तर भारत में बारिश और ठंड का प्रकोप

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  • Publish Date - December 28, 2024 / 10:22 PM IST,
    Updated On - December 28, 2024 / 10:22 PM IST

(तस्वीरों सहित)

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) कश्मीर में शनिवार को मौसम की सबसे भारी बर्फबारी के कारण हवाई, रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ तथा बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित रहीं, जबकि उत्तराखंड में बर्फबारी और रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई।

पश्चिमी विक्षोभ और अन्य मौसमी घटनाओं के कारण मध्य प्रदेश में रात भर बारिश हुई। पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में लगातार दूसरे दिन भी बारिश हुई, जबकि राजस्थान में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई।

राष्ट्रीय राजधानी में सुबह 8:30 बजे समाप्त हुए 24 घंटों में 41.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं के साथ इसके संपर्क के कारण दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ रहे हैं।

जम्मू कश्मीर में तेज ठंड और बर्फबारी का दौर जारी है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उपायुक्तों को बर्फ हटाने के कार्यों की व्यक्तिगत तौर पर निगरानी करने का निर्देश दिया है।

शुक्रवार से कश्मीर भर में मध्यम से भारी हिमपात दर्ज किया गया, जिसमें श्रीनगर शहर और अन्य मैदानी इलाकों में मौसम की पहली बर्फबारी भी शामिल है।

अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के मैदानी इलाकों में भारी से बहुत भारी हिमपात, जबकि मध्य कश्मीर के मैदानी इलाकों में मध्यम हिमपात हुआ। उत्तर कश्मीर के मैदानी इलाकों में हल्के से मध्यम हिमपात हुआ।

हवाईअड्डे के अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर से आने-जाने वाला हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ है और उड़ान परिचालन स्थगित कर दिया गया है।

यातायात विभाग के अधिकारियों के अनुसार, हिमपात के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि नवयुग सुरंग में भारी हिमपात के कारण बर्फ हटाने के काम में बाधा उत्पन्न हुई है।

उत्तराखंड में शनिवार को ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमपात तथा कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रुक रुक कर बारिश हुई, जिससे पूरे राज्य में ठंड बढ़ गई, जबकि हिमालयी मंदिरों की ओर जाने वाले राजमार्ग अभी भी कई स्थानों पर बंद हैं।

आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने यहां बताया कि पहाड़ों के ऊपरी इलाकों में लगातार हिमपात और रुक-रुक कर हो रही हल्की बारिश तथा निचले इलाकों में चल रही ठंडी हवाओं के कारण अधिकांश पहाड़ी जिले भीषण ठंड की चपेट में हैं।

औली, हर्षिल, हेमकुंड साहिब, चोपता, दयारा, लोखंडी, सुक्की टॉप, मुनस्यारी और पिथौरागढ़ की ऊंची चोटियां बर्फ से ढक गई हैं।

मौसम विभाग ने शनिवार को चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़ और नैनीताल सहित पर्वतीय जिलों में 2,500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर कुछ जगहों पर भारी हिमपात की संभावना जताई है।

अधिकांश स्थानों पर आसमान में बादल छाए रहे तथा रुक-रुक कर बूंदाबांदी भी हुई।

अधिकारियों ने बताया कि बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग, पांडुकेश्वर और बद्रीनाथ के बीच बर्फ जमा होने के कारण बंद है, जिसे साफ किया जा रहा है।

सीमा को चीन से जोड़ने वाला जोशीमठ-नीती राजमार्ग भी सुराईथोथा से आगे बंद है जबकि केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ने वाला चमोली-कुंड राष्ट्रीय राजमार्ग धोतीधार और मक्कू बेंड के बीच बंद है।

जोशीमठ और औली के बीच एक बड़ा पेड़ उखड़ जाने से सड़क अवरुद्ध हो गयी है जिसके कारण यातायात प्रभावित है।

चमोली जिला आपदा प्रबंधन केंद्र ने बताया कि हिमपात से 65 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं।

बारिश के कारण कर्णप्रयाग के नौटी क्षेत्र के 10 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। देवाल विकासखंड के सभी गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित है।

राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को दिनभर बादल छाए रहे और ठंड रही, साथ ही 101 वर्षों में दिसंबर में एक दिन में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई।

मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक के पिछले 24 घंटों में 41.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसके कारण दिनभर तापमान सामान्य से कम रहा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में तीन दिसंबर 1923 को एक ही दिन में सबसे अधिक बारिश हुई थी, जो 75.7 मिमी थी।

आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ आज सुबह 8.30 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की संचयी वर्षा 1901 के बाद से दूसरी सबसे अधिक है। मासिक वर्षा पांचवीं सबसे अधिक है। 24 घंटे की संचयी वर्षा सुबह 8.30 बजे समाप्त हुए पिछले 24 घंटों के दौरान हुई वर्षा को संदर्भित करती है।’’

राजस्थान के अनेक इलाकों में एक नए पश्चिमी विक्षोभ के असर से बीते 24 घंटे में बारिश व ओलावृष्टि हुई।

इसके अलावा राज्‍य के अनेक इलाकों में शनिवार को भी कोहरा छाया रहा और कड़ाके की सर्दी जारी है।

मौसम विभाग के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि सुबह तक के 24 घंटे में पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में कई स्थान पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।

इस दौरान सबसे अधिक बारिश झालावाड़ जिले में 86.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा कोटा के सांगोद, बूंदी के नैनवा और बारां जिले के शाहाबाद में 40 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। अन्‍य स्‍थानों पर 10 से 30 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई।

राज्य में कुछ स्थानों पर घने से बहुत घना कोहरा दर्ज किया गया। दौसा, हनुमानगढ़ और अलवर सहित कुछ जिलों में ओले गिरे। पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में शनिवार को लगातार दूसरे दिन बारिश हुई, जिससे दोनों राज्यों में दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

स्थानीय मौसम विभाग के अनुसार चंडीगढ़ का अधिकतम तापमान 15.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

पंजाब के अमृतसर में दिन का तापमान 14.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि लुधियाना में 15.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटियाला में अधिकतम तापमान 15.7 डिग्री सेल्सियस, गुरदासपुर में 15 डिग्री और फिरोजपुर में 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

भाषा शोभना माधव

माधव