उत्तराखंड, हिमाचल में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर

उत्तराखंड, हिमाचल में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर

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  • Publish Date - July 5, 2024 / 11:02 PM IST,
    Updated On - July 5, 2024 / 11:02 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित उत्तर भारत के बड़े हिस्से में शुक्रवार को भारी बारिश के कारण आम जीवन प्रभावित रहा जबकि असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पूर्वोत्तर राज्य की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं व बाढ़ से करीब 22 लाख लोग प्रभावित हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने डिब्रूगढ़ में बाढ़ प्रभावित कई इलाकों का दौरा किया। डिब्रूगढ़ राज्य के बाढ़ प्रभावित 29 जिलों में से एक है। असम हाल के वर्षों में सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है।

उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। देहरादून में बारिश के पानी से भरे गड्ढे में पांच साल का बच्चा डूब गया जबकि हरिद्वार में एक किशोर की नाला में डूबने से मौत हो गई।

पहाड़ी राज्य में बारिश और कई स्थानों पर भूस्खलन से आम जनजीवन प्रभावित रहा जबकि बद्रीनाथ जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग सहित प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो गईं।

पिछले 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई जिससे 64 सड़कें बंद हो गईं। क्षेत्रीय मौसम कार्यालय ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, कुल्लू, किन्नौर, मंडी, सिरमौर और शिमला जिलों के कुछ इलाकों में अचानक बाढ़ आने की चेतावनी दी है।

राजस्थान में भारी बारिश का दौर जारी है और टोंक जिले के मालपुरा में 24 घंटे में 176 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर है और 29 जिलों में लगभग 22 लाख लोग प्रभावित हैं और सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि असम में शुक्रवार तक 77 जंगली जानवरों की मौत हो गई है जबकि जलमग्न काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से 94 जानवरों को बचा लिया गया है।

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पिछले आठ दिनों से जलमग्न डिब्रूगढ़ शहर की स्थिति की समीक्षा की। राज्य में इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान में मरने वालों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है जबकि तीन लोग लापता हैं।

राज्य में सबसे अधिक धुबरी जिला में 6.48 लाख लोग प्रभावित हैं। दरांग में 1.90 लाख और कछार में 1.45 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

इस बीच, दिल्ली सरकार ने हथिनीकुंड बैराज के वास्तविक समय के आंकड़ों की निगरानी के लिए 24 घंटे कार्यरत रहने वाले बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है। यहीं से यमुना में दिल्ली के लिए पानी छोड़ा जाता है।

इस बीच मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को आमतौर पर बादल छाए रहने और हल्की बारिश के साथ-साथ गरज और बिजली गिरने का अनुमान जताया है। विभाग ने अगले चार से पांच दिनों के दौरान भारी बारिश का भी अनुमान जताया है।

उत्तराखंड में राज्य आपात अभियान केंद्र ने बताया कि भूस्खलन के कारण 88 ग्रामीण सड़कें, दो सीमा सड़कें, एक राज्य राजमार्ग और बदरीनाथ मंदिर की ओर जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है।

केंद्र के मुताबिक भूस्खलन की वजह से ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग लामबगड़ में अवरुद्ध हो गया है। देहरादून में लगातार रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश के कारण कई सड़कें जलमग्न हो गईं हैं।

इस बीच हिमाचल प्रदेश में जुलाई में सामान्य 27.2 मिलीमीटर के मुकाबले 43.2 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य से 59 प्रतिशत अधिक है।

आपात अभियान केंद्र ने बताया कि भारी बारिश के कारण राज्य की 64 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।

शिमला स्थित मौसम कार्यालय ने शनिवार को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने का ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है।

राजस्थान के साजनगढ़ (बांसवाड़ा) में 116 मिलीमीटर, तिजारा में 107 मिमी, दानपुर में 101 मिमी, नैनवां (बूंदी) में 102 मिमी, थानागाजी में 97 मिमी, पीपल्दा (कोटा) में 90 मिमी, टपूकड़ा में 88 मिमी और जयपुर के फागी में 82 मिमी बारिश दर्ज की गई।

मौसम विभाग ने बताया कि 24 घंटे की अवधि में कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई।

रविवार और सोमवार को उत्तर-पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना है और नौ व दस जुलाई को इसमें वृद्धि हो सकती है।

मौसम विभाग ने कहा कि बीकानेर संभाग और जोधपुर संभाग के पूर्वी और उत्तरी हिस्सों में भी अगले दो से तीन दिनों में बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग ने कहा कि उत्तरी पश्चिम बंगाल में नौ जुलाई तक बारिश होने की संभावना है।

अधिकारियों ने बताया कि मेघालय में पिछले एक महीने में 44 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

पुडुचेरी और उसके उपनगरों में शुक्रवार को भारी बारिश हुई जिससे केंद्र शासित प्रदेश के कई हिस्सों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई।

भाषा

शुभम धीरज

धीरज