तापमान बढ़ने के साथ दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में लू लगने वाले मरीजों की भीड़

तापमान बढ़ने के साथ दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में लू लगने वाले मरीजों की भीड़

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  • Publish Date - June 18, 2024 / 09:01 PM IST,
    Updated On - June 18, 2024 / 09:01 PM IST

नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) दिल्ली में तापमान में वृद्धि होने के साथ ही दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अस्पतालों में लू लगने और गर्मी से थकावट की शिकायत वाले मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है।

चिकित्सकों ने भीषण गर्मी के बीच बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले मरीजों को घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पिछले महीने घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में लू लगने के मरीजों के लिए दो-दो बिस्तर आरक्षित रहेंगे, जबकि लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में पांच बिस्तर आरक्षित रहेंगे।

एलएनजेपी अस्पताल की उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रितु सक्सेना ने कहा,‘‘ हमारे पास हर दिन आठ से 10 मरीज आ रहे हैं। गंभीर रूप से बीमार कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत है। कल हमारे पास दो मरीज आए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और उससे पहले चार मरीज आईसीयू में भर्ती हुए थे। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ गंभीर रूप से बीमार होने वाले मरीज वे हैं जो बुज़ुर्ग हैं या जिन्हें उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) जैसी सह-रुग्णताएं हैं। हमें पास बाबू जगजीवन राम अस्पताल और सत्यवादी राजा हरीशचंद्र अस्पताल जैसे अन्य अस्पतालों से भी कुछ मरीज आ रहे हैं।’’

वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि गर्मी की स्थिति में वृद्धि के अनुपात में यह वृद्धि हुई है।

गुरुग्राम के सीके बिड़ला अस्पताल में हर दिन ओपीडी में गर्मी से संबंधित बीमारियों जैसे थकावट और हीट रैश के एक से दो मरीज आ रहे हैं, हालांकि उन्होंने लू लगने वाले किसी भी मरीज का इलाज नहीं किया है।

सी के बिड़ला अस्पताल के आंतरिक चिकित्सा विभाग के सलाहकार डॉ. तुषार तायल के अनुसार, मधुमेह और हृदय रोग जैसी बीमारियों से ग्रस्त बुजुर्ग मरीज और अत्यधिक शारीरिक गतिविधि करने वाले युवा गर्मी से होने वाली थकावट से अधिक पीड़ित हो रहे हैं।

वसंत कुंज के फोर्टिस अस्पताल में प्रतिदिन बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) परामर्श और भर्ती दोनों के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।

फोर्टिस अस्पताल के चिकित्सा सुविधा में आंतरिक चिकित्सा की अतिरिक्त निदेशक डॉ. मुग्धा तापड़िया ने बताया कि आमतौर पर वे ओपीडी के माध्यम से लगभग आठ से दस मरीजों को देख रही हैं और प्रतिदिन लगभग दो से तीन व्यक्तियों को भर्ती कर रही हैं।

सर गंगा राम अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. एम वली ने बताया कि अभूतपूर्व गर्मी के कारण लू लगने, थकावट और हीट हाइपरपीरेक्सिया जैसी समस्याएं होती हैं।

डॉ. एम वली ने कहा, ‘‘ फेफड़े की बीमारी, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से पीड़ित बुजुर्गों को अधिक जोखिम है। उन्हें अपने घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए और अपना इलाज जारी रखना चाहिए। इस बार गर्मी की स्थिति असामान्य है। हमें आशंका है कि अगले साल यह और भी ज़्यादा गंभीर होगी।’’

तायल ने लोगों को प्रतिदिन कम से कम दो से ढाई लीटर पानी या तरल पदार्थ पीने तथा शराब का सेवन कम करने की सलाह दी, क्योंकि इससे निर्जलीकरण हो सकता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि लोग चाय और कॉफी का सेवन कम करें, क्योंकि इससे शरीर से पानी की कमी हो जाती है।

दिल्ली में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है और सोमवार को तापमान 45.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 6.4 डिग्री अधिक है।

भाषा रवि कांत माधव

माधव