Heatwave Kills Hajj Pilgrims: सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए हर साल लाखों की संख्या में लोग शामिल होते हैं। इस साल भी दुनियाभर के लोग इस हज यात्रा में शामिल हुए, जिसमें से कई भारतीय थे तो कई विदेशी नागरिक भी शामिल हुए। लेकिन इस बीच मक्का से एक बड़ी खबर सामने आई है कि हज के लिए गए करीब 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। बताया गया कि ये मौत भीषण गर्मी के कारण हुई हैं। वहीं इस साल हज यात्रा के दौरान कम से कम 90 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक इस साल पड़ रही भयंकर गर्मी के कारण ये मौतें हुई है।अब तक मरने वालों की कुल संख्या 1000 के पार पहुंच गई है। मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश मौतें गर्मी के कारण ही हुई है।
दरअसल, मक्का सात अलग-अलग पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र है। यह एक घाटी का क्षेत्र है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई महज 909 फीट है। विशाल पर्वतों के कारण उत्तर से आने वाली ठंडी हवा मक्का तक नहीं पहुंच पाती है। मक्का, समुद्र तल से महज 300 मीटर ही ऊपर स्थित है। जिस वजह से इसकी ऊंचाई कम होने के कारण यहां ठंड कम पड़ती है। वहीं मक्का दक्षिण में स्थित है, जिस वजह से उत्तरी और मध्य क्षेत्रों से आने वाली ठंडी हवाएं यहां नहीं पहुंच पाती है। वहीं एक्सपर्ट के बताए अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग के कारण भी इस क्षेत्र का तापमान तेजी से बढ़ रहा है।
वहीं पृथ्वी के नीचे से रेडिएशन के कारण वायुमंडल गर्म होता है। इसलिए, निचली मंजिलें ऊपरी मंजिलों की तुलना में अधिक गर्म होती हैं। ऊंचे पहाड़ों में न तो जल वाष्प होता है और न ही धूल के कण। इसलिए वहां अनियंत्रित रेडिएशन होता है। इन्हीं सब कारणों की वजह से मक्का में इतनी गर्मी पड़ी है। वहीं एक अरब राजनयिक ने पुष्टि की थी कि हज यात्रा के दौरान कम से कम 68 भारतीय नागरिकों की मौत हुई है। उन्होंने कहा, कुछ की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है और हमारे पास कई वृद्ध तीर्थयात्री थे,और कुछ की मौत मौसम की स्थिति के कारण हुई है। इनमें सबसे अधिक मिस्र के हज यात्रियों की मौत मक्का में हुई है। जिनकी संख्या से 300 से ज्यादा है।
Heatwave Kills Hajj Pilgrims: बता दें कि हज यात्रा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और सभी मुसलमानों को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार इस धार्मिक दायित्व को पूरा करना होता है। बताया गया कि मक्का की सड़कों के किनारे कई शव पड़े थे जिन्हें एम्बुलेंस में भरकर अस्पताल ले जाया गया। मिली जानकारी के अनुसार अब तक कुल 1000 लोगों की मौत की सूचना दी गई है। पिछले साल 200 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत की सूचना मिली थी, जिनमें से अधिकांश इंडोनेशिया के थे। वहीं गर्मियों में अधिकतम पारा 38-39 डिग्री सेल्सियस तक ही जाता है। ऐसे में अचानक 50 डिग्री के तापमान के कारण उनकी मौतें हो गई।