बिहार। Heatwave In Bihar: इन दिनों लोग भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से बेहाल है। सड़कों पर निकलना मुहाल हो गया है। बीते दिनों अधिकतम तापमान में फिर बढ़ोतरी देखने को मिली। प्रदेश में पारा 46 डिग्री के पार पहुंच गया। 25 मई से शुरू हुए नौतपे का आज सातवां दिन है। सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ने से लोग बेहाल हैं। मौसम विभाग ने आज प्रदेश के कई जिलों में लू का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे आम लोगों को इस भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा। वहीं इस बीच लू की चपेट में आने से 10 मतदानकर्मियों समेत 14 लोगों की हो गई, जिससे हड़कंप मचा हुआ है।
उत्तर भारत में गर्मी और लू का कहर जारी है. बिहार में शुक्रवार को को लू से 14 लोगों की जान चली गई। बिहार में पिछले 24 घंटे में लू लगने से 10 मतदान कर्मियों सहित 14 लोगों की मौत हो गई। बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी शुक्रवार को दी। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अधिकतर मौतें भोजपुर में हुईं, जहां चुनाव ड्यूटी पर तैनात पांच अधिकारियों की लू लगने से मौत हो गई। बयान में कहा गया है कि रोहतास में तीन चुनाव अधिकारियों की मौत हो गई, जबकि कैमूर और औरंगाबाद जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
राज्य के अलग-अलग हिस्सों में चार अन्य लोगों की मौत हो गई। बयान में कहा गया है कि मृतकों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य भीषण गर्मी की चपेट में है, क्योंकि कई जगहों पर पारा 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। भीषण गर्मी के कारण सभी स्कूल, कोचिंग संस्थान और आंगनवाड़ी केंद्र 8 जून तक बंद कर दिए गए हैं। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करते हुए सवाल उठाया कि जब छात्र मौजूद नहीं हैं तो शिक्षकों को स्कूलों में आने की आवश्यकता क्यों है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भीषण गर्मी के दौरान शिक्षकों को छुट्टी दी जानी चाहिए।
Heatwave In Bihar: बता दें कि कल भी बिहार के औरंगाबाद से खबर आई थीजहां लू लगने के कारण 12 लोगों की मौत हो गई थी, तो वहीं औरंगाबाद स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 20 से अधिक लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किया था। वहीं लू और गर्मी के कारण हो रही मौतों को देखते हुए नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘जब विपक्ष के दबाव के कारण सरकारी स्कूल पहले ही बंद हो चुके हैं, तो शिक्षकों को इस भीषण गर्मी में स्कूल आने के लिए क्यों कहा जा रहा है? जब छात्र ही स्कूल नहीं आएंगे, तो शिक्षक क्या करेंगे? इस भीषण गर्मी में शिक्षकों को छुट्टी दी जानी चाहिए।’