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Health Ministry on HMPV Virus in India: भारत सहित दुनिया के कई देशों में फैल चुका है चीन में कहर मचाने वाला वायरस, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी बड़ी जानकारी
Health Ministry on HMPV Virus in India: भारत सहित दुनिया के कई देशों में फैल चुका है चीन में कहर मचाने वाला वायरस, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी बड़ी जानकारी
Publish Date - January 6, 2025 / 02:47 PM IST,
Updated On - January 6, 2025 / 02:50 PM IST
नई दिल्ली: Health Ministry on HMPV Virus in India कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के कुछ मामलों की जानकारी मिलने से जुड़ी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामलों का पता लगाया है। दोनों मामलों की पहचान कई प्रकार के श्वसन वायरल रोगजनकों के लिए नियमित निगरानी के माध्यम से की गई थी। यह देश भर में श्वसन संबंधी रोगों की निगरानी के लिए आईसीएमआर के जारी प्रयासों का हिस्सा है।
Health Ministry on HMPV Virus in India गौरतलब है कि एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित विश्व भर में देखने को मिला है और एचएमपीवी से जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में सामने आये हैं। इसके अलावा, आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर, देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।
3 महीने की बच्ची को एचएमपीवी होने का पता चला था, जिसे ब्रोन्कोन्यूमोनिया की बीमारी के साथ बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उसे छुट्टी दे दी गई है। 3 जनवरी, 2025 को एचएमपीवी के पॉजिटिव टेस्ट के साथ 8 महीने का एक शिशु को ब्रोन्कोन्यूमोनिया की पहले से जुड़ी बीमारी के साथ बैपटिस्ट अस्पताल, बेंगलुरु में भर्ती कराया गया था। शिशु अब स्वस्थ हो रहा है।
यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि प्रभावित रोगियों में से किसी का भी विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी कर रहा है। आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी परिसंचरण के रुझानों पर नज़र रखना जारी रखेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पहले से ही चीन में स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट दे रहा है ताकि वर्तमान में जारी उपायों के बारे में और जानकारी मिल सके।
देश भर में हाल ही में की गई तैयारियों के अभ्यास से पता चला है कि भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है और आवश्यकता होने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप शीघ्र ही कार्यान्वित किया जा सकता है।
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को एमएमपीवी वायरस को लेकर एक अहम बैठक बुलाई गई थी। बैठक में वायरस को लेकर विशेषज्ञों से चर्चा की गई है, जिसके बाद कई अहम फैसले लिए गए हैं।
चीन में फ्लू के मौसम को देखते हुए स्थिति असामान्य नहीं है। रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि मौजूदा बढ़ोतरी का कारण इन्फ्लूएंजा वायरस, आरएसवी और एचएमपीवी है – जो इस मौसम में होने वाले सामान्य रोगजनक हैं।
सरकार सभी उपलब्ध माध्यमों से स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है और विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी चीन की स्थिति के बारे में समय पर जानकारी साझा करने का अनुरोध किया गया है। ये वायरस भारत सहित विश्व भर में पहले से ही मौजूद हैं।
भारत में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और इन्फ्लूएंजा के लिए गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली पहले से ही आईसीएमआर और आईडीएसपी नेटवर्क दोनों के माध्यम से मौजूद है और दोनों के आंकड़ों से पता चलता है कि आईएलआई और एसएआरआई मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।
अस्पतालों के चिकित्सकों ने भी पुष्टि की है कि अपेक्षित मौसमी बदलाव के अलावा पिछले कुछ सप्ताहों में श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
आईसीएमआर नेटवर्क अन्य श्वसन वायरस जैसे एडेनोवायरस, आरएसवी, एचएमपीवी आदि के लिए भी परीक्षण करता है और ये रोगजनक भी परीक्षण किए गए नमूनों में असामान्य वृद्धि नहीं दिखाते हैं। एहतियाती उपाय के रूप में, आईसीएमआर द्वारा एचएमपीवी के लिए परीक्षण करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी और आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी पर निगरानी करेगा।
देश भर में हाल ही में आयोजित आपातकालीनअभ्यासके आंकड़ों से पता चला है कि देश श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी वृद्धि से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।