प्रयागराज 12 सितंबर (भाषा) मानव उपभोग के लिए घटिया स्तर की नमकीन की बिक्री के मुद्दे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के प्रमुख सचिव (खाद्य एवं नगर आपूर्ति) को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने प्रमुख सचिव से यह बताने को कहा है की इस व्यवस्था पर रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए गए हैं|
इस मुद्दे की गंभीरता पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति वी. के. बिरला और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह की पीठ ने पांच सितंबर को दिए अपने आदेश में कहा, ‘‘पशु चारा के नाम पर नीलाम की गई घटिया नमकीन खरीदी जा रही है और उसे कुछ अन्य नमकीनों के साथ मिलकर फिर से पैकेजिंग कर खुले बाजार में मानव उपभोग के लिए बेची जा रही है|’’
अदालत ने कहा कि इसका आम नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर परिणाम हो सकता है|
पीठ ने कहा इस मुद्दे की गंभीरता पर विचार करते हुए यह अदालत मौजूदा जनहित याचिका का दायरा बढ़ा रही है क्योंकि यह किसी विशेष जिले के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है| इसलिए यह उचित होगा कि केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को इसमें पक्षकार बनाया जाए|
सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने कानपुर स्थित खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी और बरेली के खाद एवं सुरक्षा अधिकारी व प्रदेश के आयुक्त (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) के अनुपालन हलफनामे दाखिल किए|
अदालत ने उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आशुतोष कुमार तिवारी का हस्तक्षेप आवेदन भी यह कहते हुए स्वीकार कर लिया कि उन्होंने हस्तक्षेप आवेदन के समर्थन में दाखिल अपने हलफनामे में बहुमूल्य सूचना उपलब्ध कराई है जो इस मामले के निस्तारण के लिए मूल्यवान होगा|
भाषा राजेंद्र धीरज
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