नाबालिग पत्नी से सेक्स करना माना जाएगा रेप.. यहां की अदालत ने सुना दिया बड़ा फैसला, जानें वजह

18 वर्ष से कम उम्र की पत्नी के साथ सहमति से भी शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार की श्रेणी में आता है!HC On Minor Wife Sexual Intercourse

नाबालिग पत्नी से सेक्स करना माना जाएगा रेप.. यहां की अदालत ने सुना दिया बड़ा फैसला, जानें वजह

Having sex with a minor wife will be considered rape | Photo Credit : File

Modified Date: November 30, 2024 / 07:18 pm IST
Published Date: November 30, 2024 7:18 pm IST

नागपुर। Having sex with a minor wife will be considered rape : बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने हाल ही में अपने एक अहम फैसले में कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र की पत्नी के साथ सहमति से भी शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार की श्रेणी में आता है। अदालत ने निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें दोषी को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। यह फैसला इंडिपेंडेंट थॉट बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करता है।

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Having sex with a minor wife will be considered rape : इस फैसले में जस्टिस गोविंदा सनप ने कहा कि आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) के तहत वैवाहिक बलात्कार का जो अपवाद है, वह नाबालिगों पर लागू नहीं होता. उन्होंने कहा, ’18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना बलात्कार है, चाहे वह शादीशुदा हो या नहीं।’

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क्या है पूरा मामला?

बता दें कि ये मामला 2019 का है और इसमें पीड़िता एक नाबालिग लड़की थी। वह वारधा जिले की रहने वाली थी और तीन-चार वर्षों से आरोपी के संपर्क में थी। शुरुआत में उसने आरोपी की हरकतों को लगातार नकार दिया। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण जब वह काम की तलाश में दूसरे शहर चली गई, तो आरोपी ने उसका पीछा किया। आरोपी ने उसे उसके काम के स्थान तक ले जाने और वापस छोड़ने के बहाने से उसका भरोसा जीता। इसके बाद उसने शादी का झूठा वादा कर पीड़िता को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। इस रिश्ते के चलते पीड़िता गर्भवती हो गई।

पीड़िता पर बनाया गर्भपात का दबाव

आरोपी ने जल्दबाजी में एक किराए के कमरे में कुछ पड़ोसियों की उपस्थिति में एक अनौपचारिक शादी की रस्म आयोजित की। बाद में पीड़िता ने इस शादी को कानूनी रूप से अमान्य और औपचारिकताओं से रहित बताया। गर्भवती होने के बाद आरोपी ने पीड़िता पर गर्भपात का दबाव बनाया। उसने बच्चे की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया और यहां तक कि पीड़िता पर बेवफाई का आरोप लगाया। आखिरकार न्याय की तलाश में पीड़िता ने वारधा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।

इस मामले में हाई कोर्ट ने नाबालिग के अधिकारों की रक्षा करते हुए कड़ा रुख अपनाया। अदालत ने माना कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ सहमति से भी यौन संबंध बनाना बलात्कार की श्रेणी में आता है। दोषी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। निचली अदालत ने भी यह सजा सुनाई थी।

यह फैसला एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि बालिकाओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए कानून किसी भी प्रकार की वैवाहिक या सामाजिक परिस्थितियों को बलात्कार का बचाव नहीं बनने देगा। यह फैसला न केवल न्याय सुनिश्चित करता है, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैलाता है कि नाबालिगों के साथ यौन शोषण किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years